IPL घोटाला: दाऊद की भूमिका न जांचने पर मुंबई पुलिस की खिंचाई
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IPL घोटाला: दाऊद की भूमिका न जांचने पर मुंबई पुलिस की खिंचाई

आईपीएल में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों की जांच करने वाली उच्चतम न्यायालय की जांच समिति ने इस मामले में दाऊद इब्राहिम की भूमि की जांच में ‘दिलचस्पी’ नहीं रखने और इस धंधे से जुड़े तमाम व्यक्तियों को बचाने के लिए मुंबई पुलिस की कड़ी आलोचना की है।

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नई दिल्ली : आईपीएल में सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों की जांच करने वाली उच्चतम न्यायालय की जांच समिति ने इस मामले में दाऊद इब्राहिम की भूमि की जांच में ‘दिलचस्पी’ नहीं रखने और इस धंधे से जुड़े तमाम व्यक्तियों को बचाने के लिए मुंबई पुलिस की कड़ी आलोचना की है।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता वाली समिति ने उच्चतम न्यायालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में मुंबई पुलिस की तीखी आलोचना की और पाकिस्तानी अंपायर के इस धंधे में शामिल होने की जानकारी के बावजूद उसे देश से बाहर जाने पर भी सवाल उठाए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘मुंबई पुलिस ने स्वीकार किया कि मुंबई में संगठित तरीके से सट्टेबाजी का धंधा करने के लिए अंडरवर्ल्ड का संरक्षण जरूरी है। पुलिस जांच समिति को यह बताने में असमर्थ रही कि सट्टेबाजी के धंधे को कौन सा गिरोह संरक्षण प्रदान करता है।’ जांच समिति के सदस्य निलय दत्त की रिपोर्ट के अनुसार, ‘मुंबई पुलिस सट्टेबाजी के धंधे में दाऊद इब्राहिम की भूमिका की जांच की इच्छुक नहीं है।’
उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस को पाकिस्तानी अंपायर असद रउफ के बीच में सुने गए टेलीफोन के जरिए पिछले साल 15 मार्च को मैच शुरू होने से तीन दिन पहले ही प्रस्तावित फिक्सिंग की जानकारी थी, लेकिन उसने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रउफ को मुंबई पुलिस ने कभी भी रोका नहीं और उन्हें मैच की जिम्मेदारियां पूरी होने के बाद 19 मई को देश से जाने दिया। रउफ के नाम की लुक आउट नोटिस तक जारी नहीं की गई। रिपोर्ट के अनुसार दाऊद के इस समय पाकिस्तान में ही होने संबंधी केन्द्रीय गृह मंत्री के खुलासे के मद्देनजर इसमें दाऊद इब्राहिम की संलिप्तता और पाकिस्तान के अंपायर को देश से बाहर जाने से रोकने में पुलिस की विफलता की और जांच की आवश्यता है। (एजेंसी)

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