शीर्ष क्रम दबाव झेलने में नाकाम रहा : धोनी
Advertisement

शीर्ष क्रम दबाव झेलने में नाकाम रहा : धोनी

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि लगातार मिली असफलता का असर टीम के शीर्ष क्रम के आत्मविश्वास पर पड़ा है जो दबाव झेलने में असफल रहा। साथ ही उन्होंने भारतीय टीम के इंग्लैंड से पांच मैचों की श्रृंखला 1.3 से गंवाने के लिये अनुभवहीनता को दोषी ठहराया।

शीर्ष क्रम दबाव झेलने में नाकाम रहा : धोनी

लंदन : भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि लगातार मिली असफलता का असर टीम के शीर्ष क्रम के आत्मविश्वास पर पड़ा है जो दबाव झेलने में असफल रहा। साथ ही उन्होंने भारतीय टीम के इंग्लैंड से पांच मैचों की श्रृंखला 1.3 से गंवाने के लिये अनुभवहीनता को दोषी ठहराया।

धोनी ने पांचवां टेस्ट पारी और 244 रन से गंवाने के बाद कहा, ‘शीर्ष क्रम को स्कोर नहीं बनाने का दबाव महसूस हुआ, आपको टेस्ट क्रिकेट में दबाव ही झेलना होता है। अगर बल्लेबाज थोड़ा संभल कर खेलते तो यह बेहतर हो सकता था।’ उन्होंने कहा, ‘शुरू से ही, हमारे बल्लेबाजों ने खराब प्रदर्शन किया, निचले क्रम ने थोड़ी मदद की। इससे शीर्ष क्रम का प्रदर्शन थोड़ा छिप गया, सिर्फ 150-160 रन का स्कोर बनाना घरेलू टीम के खिलाफ बचाव के लिये काफी नहीं है।’

इंग्लैंड के हालातों के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा, ‘यह मुश्किल है लेकिन विकेट अच्छा था, इस पर अच्छी तेजी और उछाल था। बादलों भरे हालात में तेज गेंदबाजों को स्विंग मिलती है और इंग्लैंड के गेंदबाज बहुत निरंतर थे।’ धोनी ने हालांकि उम्मीद जतायी कि उनके युवा खिलाड़ी इस श्रृंखला से सबक लेंगे और अगली बार जब वे इंग्लैंड आयेंगे तो बेहतर प्रदर्शन करेंगे। भारतीय कप्तान ने कहा, ‘हमने पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के दौरान काफी आत्मविश्वास खोया है। यह निराशाजनक है, लेकिन इसमें काफी अनुभव होंगे जिसे युवा खिलाड़ी सीखेंगे। इनमें से काफी ने विदेश में टेस्ट मैच नहीं खेला है और उम्मीद करते हैं कि वे इस सबक का इस्तेमाल भविष्य में करेंगे।’

धोनी ने कहा कि अपनी टीम को बेहतर करने के लिये वह कुछ ज्यादा अलग नहीं कर सकते थे। उन्होंने कहा, ‘हमने सबकुछ किया जो हम कर सकते थे। अगर हम रोहित शर्मा के साथ खेलते तो मुश्किल यह थी कि हम किसे बाहर रखते। अंजिक्य रहाणे ने लार्डस में शतक जड़ा था। पुजारा तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं, विराट चौथे पर और फिर मैं। हम जो कुछ कर सकते थे, हमने कोशिश की।’

उन्होंने कहा कि उनकी युवा टीम का निराशाजनक प्रदर्शन का कारण इंग्लैंड में खेलने का अनुभव नहीं होना था।

उन्होंने कहा, ‘पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला काफी कठिन होती है। आप भुवनेश्वर को देख सकते हो, उस पर असर पड़ा है लेकिन हम उसकी जगह किसी को नहीं दे सकते। हमारे अंतिम एकादश में कई बदलाव नहीं हो सकते, इसलिये हमारे पास अनुभव की कमी है लेकिन तब तक वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेलते उन्हें अनुभव नहीं मिलेगा। यहां खेलना, सबक सीखना और मजबूत वापसी करना महत्वपूर्ण है।’

इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टर कुक श्रृंखला में इस तरह की वापसी से काफी खुश थे, उनकी टीम ने लार्डस में मिली हार के बाद वापसी करते हुए लगातार तीन मैचों में जीत दर्ज की। कुक ने कहा, ‘यह शानदार प्रदर्शन था, लार्डस में जो कुछ हुआ उसके बाद यह श्रृंखला जीतना शानदार है। इसके लिये खिलाड़ियों, स्टाफ को काफी श्रेय जाता है। साउथम्पटन में जीत से पहले हम टुकड़ों में अच्छा कर रहे थे।’

उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ मैचों में हमने जो दबाव बनाया, वह शानदार था। जब आप रन बना लेते हो और इन हालातों में हमारे गेंदबाजी आक्रमण के सामने विपक्षी टीमों के लिये मुश्किल हो जाता है।’ इंग्लैंड के बल्लेबाज जो रूट ने नाबाद 149 रन की शानदार पारी खेली जिससे उन्हें मैन आफ द मैच चुना गया। उन्होंने कहा, ‘रन स्कोर करना हमेशा ही शानदार है। आप ज्यादा से ज्यादा रन जुटाना चाहते हो, लेकिन आज हमने जैसा प्रदर्शन किया, यह सचमुच शानदार है। लार्डस के बाद हमने शानदार प्रदर्शन किया है।’ तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन को ‘मैन आफ द सीरीज’ चुना गया। उन्होंने 25 विकेट हासिल किये और उन्हें भारतीय कोच डंकन फ्लेचर ने नामांकित किया।

Trending news