टी20 वर्ल्ड कप का आगाज, पाक-ऑस्ट्रेलिया प्रबल दावेदार
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टी20 वर्ल्ड कप का आगाज, पाक-ऑस्ट्रेलिया प्रबल दावेदार

फटाफट क्रिकेट ट्वेंटी-20 का महा मुकाबला यानी विश्व कप का आज (रविवार) आगाज हो रहा है। इस महा मुकाबले में 16 टीमें हिस्सा ले रही है। लेकिन यह तय कर पाना मुश्किल है कि इसे प्रमुख दावेदार कौन सी टीम है। इस फॉर्मेट के क्रिकेट में पूर्वानुमान लगना कठीन है। फिर भी क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया प्रबल दावेदार हैं।

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ज़ी मीडिया ब्यूरो
मीरपुर : फटाफट क्रिकेट ट्वेंटी-20 का महा मुकाबला यानी विश्व कप का आज (रविवार) आगाज हो रहा है। इस महा मुकाबले में 16 टीमें हिस्सा ले रही है। लेकिन यह तय कर पाना मुश्किल है कि इसे प्रमुख दावेदार कौन सी टीम है। इस फॉर्मेट के क्रिकेट में पूर्वानुमान लगना कठीन है। फिर भी क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया प्रबल दावेदार हैं। अब तक हुए चार टी-20 वर्ल्ड कप में चार अलग-अलग देश की टीमें चैंपियन हुई हैं। 2007 में भारत, 2009 में पाकिस्तान, 2010 में इंग्लैंड और 2012 में वेस्टइंडीज।
महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली भारतीय टीम सोमवार को जब आईसीसी विश्व टी20 में अपने अभियान की शुरुआत करेगी तो उसकी निगाहें पिछले कुछ महीनों के लचर प्रदर्शन को पीछे छोड़ने की होगी जबकि ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान प्रबल दावेदार के रूप में शुरूआत करेंगे। मौजूदा फार्म को देखते हुए 2007 की चैम्पियन भारतीय टीम निश्चित रूप से टूर्नामेंट जीतने की दावेदारों में शामिल नहीं है। टूर्नामेंट आज से क्वालीफायर मुकाबलों से शुरू होगा।
पाकिस्तान और संतुलित ऑस्ट्रेलियाई टीम भी तीन हफ्ते तक चलने वाले टूर्नामेंट में गंभीरता से खिताब पर निगाह गड़ाये होगी। 2012 में जीत दर्ज करने वाली गत चैम्पियन वेस्टइंडीज भी खुद को साबित करना चाहेगी जबकि श्रीलंकाई टीम 2009 और 2012 में दो फाइनल गंवाने के बाद तीसरी बार भाग्यशाली बनाना चाहेगी।
न्यूजीलैंड अपने सनसनीखेज खिलाड़ी कोरी एंडरसन के बूते बड़ी ट्रॉफी नहीं जीतने के मिथक को तोड़ना चाहेगा और एबी डिविलियर्स की अगुवाई वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम भी कुछ ऐसा ही सोच रही होगी। भारत ने पिछला टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच पांच महीने से ज्यादा समय पहले खेला था और युवराज सिंह की मदद से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच छह विकेट से जीता था।
राजकोट में हुए इस मैच के बाद भारतीय टीम का प्रदर्शन बद से बदतर हो गया है। टी20 अलग प्रारूप है लेकिन न्यूजीलैंड में टेस्ट और वनडे सीरीज दोनों में हारना मनोबल गिराने वाला था। इससे बदतर क्या होगा कि वे पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ मुकाबलों में हारने से एशिया कप के फाइनल के लिये क्वालीफाई नहीं कर सके। इस साल केवल ढाई महीने ही हुए हैं लेकिन भारत ने केवल बांग्लादेश और अफगानिस्तान के खिलाफ ही जीत दर्ज की है। यह ऐसा रिकॉर्ड है जिससे टीम निश्चित रूप से गर्व महसूस नहीं करेगी।
भारतीय टीम विश्व टी20 में पिछले तीन सत्र में सेमीफाइनल में पहुंचने में असफल रही है। उसके लिये अपने ग्रुप में पाकिस्तान, मजबूत आस्ट्रेलिया और गत चैम्पियन वेस्टइंडीज के साथ शुरुआती ग्रुप लीग मैचों के बाद जुड़ने वाली एक अन्य क्वालीफायर का सामना आसान नहीं होगा। टीम के लिये सबसे बड़ी चिंता यह होनी चाहिए कि उसने टूर्नामेंट से पहले तैयारी नहीं है, उन्हें 17 मार्च को श्रीलंका और 19 मार्च को इंग्लैंड के खिलाफ अ5यास मैच से ही संतोष करना होगा।
वहीं ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका ने तीन मैचों की टी20 सीरीज खेली (जिसका पहला मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था) है जबकि इंग्लैंड और वेस्टइंडीज ने भी दो मैचों की सीरीज खेली है। यह प्रारूप पूरी तरह से अलग है जिसमें गेंदबाजों को सर्कल के बाहर चार क्षेत्ररक्षकों के नियम से रूबरू नहीं होना पड़ेगा, लेकिन आईपीएल की लोकप्रियता के बावजूद भारत की इस प्रारूप में अनिंरतरता की अनदेखी करना मुश्किल होगा। टूर्नामेंट अब उप महाद्वीप में खेला जा रहा है, लेकिन यह भी भारत के लिये अब फायदेमंद नहीं होगा। पिछले चरण में आस्ट्रेलिया ने कोलंबो में उन्हें बारिश से प्रभावित मैच में आसानी से मात दी थी और भारत टूर्नामेंट से बाहर हो गया था।
टीम मीरपुर में शेरे बांग्ला स्टेडियम में अपने सभी मैच खेलेगी, लेकिन हाल में उसने इस स्थल पर अपने सभी मैच गंवाये है जिसमें हाल का एशिया कप भी शामिल है। कप्तान धोनी मांसपेशियों के खिंचाव से उबर गये है, वह अनुभवी युवराज सिंह और सुरेश रैना के साथ टीम में वापसी करेंगे। गेंदबाजी हमेशा की तरह चिंताजनक है, जिसमें सिर्फ मोहम्मद शमी का प्रदर्शन ठीक है। वरूण आरोन अनिरंतर गेंदबाजी कर रहे और भुवनेश्वर कुमार में रफ्तार में कमी का खुलासा हो चुका है।
आर अश्विन ने एशिया कप के दौरान थोड़ा बेहतर किया था लेकिन वह अपने सर्वश्रेष्ठ से दूर ही रहे थे जबकि रविंद्र जडेजा कुछ अच्छे प्रदर्शन के बावजूद मैच विजेता नहीं है। इसलिये यह फिर इस बात पर निर्भर होगा कि कप्तान धोनी और विराट कोहली टूर्नामेंट के दौरान कैसा प्रदर्शन करते हैं।
भारतीय टीम जहां अनिरंतर प्रदर्शन से जूझ रही है, वहीं 2009 का चैम्पियन पाकिस्तान मोहम्मद हफीज की अगुवाई में अच्छा प्रदर्शन करना चाहेगा। शाहिद अफरीदी की ग्रोइन चोट एक चिंता है लेकिन इस सीनियर खिलाड़ी के तब तक फिट होने की उम्मीद है जब पाकिस्तानी टीम भारत के खिलाफ अपने अभियान की शुरूआत करेगी।
पाकिस्तान के लिये एशिया कप अच्छा रहा जिसमें वे फाइनल में श्रीलंका से हार गये लेकिन भारत और बांग्लादेश के खिलाफ अफरीदी के लगातार मैच विजयी प्रदर्शन से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा ही।
सईद अजमल के रूप में उनके बास बेहतरीन स्पिनर है, सोहेल तनवीर के रूप में बेहतरीन टी20 गेंदबाज है। प्रतिभाशाली उमर अकमल और आल राउंडर जैसे हफीज, अफरीदी और शोएब मलिक टीम में मौजूद है। उनके पास इस तरह चैम्पियन टीम बनने के लिये खिलाड़ियों का सही संयोजन मौजूद है।
आस्ट्रेलियाई टीम पर सभी की निगाहें होगी, जो अपना पहला विश्व टी20 खिताब जीतने की कोशिश में है। मिशेल जानसन के पैर के अंगूठे की चोट उनके लिये चिंताजनक हो सकती है लेकिन जार्ज बेली की अगुवाई वाली टीम सफलतापूर्वक बदलाव के दौर से गुजर चुकी है और दुनिया का सामना करने को तैयार है।

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