पहली बार उतरने वाले कई दलों का रहा है बेहतर प्रदर्शन
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पहली बार उतरने वाले कई दलों का रहा है बेहतर प्रदर्शन

पिछले तीस वर्षों के दौरान देश में गठित राजनीतिक दलों में पहली बार चुनाव लड़ने वाली पार्टियों के चुनाव नतीजों पर ध्यान दें तो यह स्पष्ट होता है कि जिन दलों का गठन करने वाले नेता किसी भी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़े रहे, उनकी पार्टी का प्रदर्शन शानदार रहा है। दिल्ली में पहली बार चुनावी समर में उतरने वाली आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदर्शन से इसकी एक बार फिर पुष्टि हुई है।

नई दिल्ली : पिछले तीस वर्षों के दौरान देश में गठित राजनीतिक दलों में पहली बार चुनाव लड़ने वाली पार्टियों के चुनाव नतीजों पर ध्यान दें तो यह स्पष्ट होता है कि जिन दलों का गठन करने वाले नेता किसी भी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़े रहे, उनकी पार्टी का प्रदर्शन शानदार रहा है। दिल्ली में पहली बार चुनावी समर में उतरने वाली आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदर्शन से इसकी एक बार फिर पुष्टि हुई है।
भारतीय राजस्व सेवा छोड़कर राजनीति में उतरे अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली विधानसभा चुनाव में पहली बार मुकाबले में उतरी ‘आप’ ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस को तीसरे स्थान पर ढकेल दिया। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के हाथों करारी पराजय का सामना करना पड़ा। उन्हें केजरीवाल ने 15,000 से अधिक मतों के अंतर से पराजित किया।
पहली बार चुनाव मैदान में उतरने ओैर जबरदस्त जीत दर्ज कराने वाली पहली पार्टी तेलुगु देसम पार्टी थी। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, आंध्रप्रदेश में तेदेपा का गठन 1982 में हुआ था और पार्टी ने पहला चुनाव 1983 में लड़ा था। तेदेपा ने पहले चुनाव में 293 उम्मीदवार उतारे थे। दक्षिण के अभिनेता एनटी रामाराव के करिश्मायी नेतृत्व में पार्टी 198 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही। तेदेपा को मिले वोटों का प्रतिशत 46.3 था। रामाराव ने इस चुनाव में तेलगु अस्मिता और गौरव के विषय को उठाया था।
तमिलनाडु में डीएमडीके पार्टी का गठन 2005 में हुआ था और पार्टी ने पहला चुनाव 2006 में लड़ा था तथा 232 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। दक्षिण के अभिनेता विजयकांत के नेतृत्व में पार्टी इस चुनाव में हालांकि एक ही सीट जीत सकी लेकिन उसे प्राप्त वोटों का प्रतिशत 8.38 था। (एजेंसी)

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