बिहारशरीफ : बिहार के नालंदा जिला स्थित राजगीर से नालन्दा विश्वविद्यालय जिसे आठ दशक पूर्व मध्यकालीन शासकों ने ध्वस्त कर दिया था, में शैक्षणिक सत्र आज से पुन: शुरू हो गया।
भगवान बुद्ध एवं महावीर की धरती राजगीर स्थित इन्टरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आज से शुरू नालन्दा विश्वविद्यालय के इस नए शैक्षणिक सत्र के प्रथम दिन इस विश्वविद्यालय में नामांकन पाने वाले 15 छात्रों में से 9 छात्र उपस्थित हुये जिनमें जापान के यकीरो नाकामोरा, भुटान के नवांग, फरीदाबाद के अरुण गांधी, झारखंड के लूबना खान एवं रंजीत कुमार, आंघ्र प्रदेश की ज्योतिमय कंडुला, हरियाणा के असी अलावत, कर्नाटक के डैनियल और कोलकाता के सनाह सलाह शामिल थे।
इस विश्वविद्यालय में कुल सात विषय पढ़ाए जाने की योजना है पर वर्तमान में दो विषयों स्कूल ऑफ एनवाइरनमंट एंड इकोलॉजिकल स्टडीज और स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज संकायों की पढाई शुरू हो पायी है।
विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र के आज प्रथम दिन 6 अध्यापकों ने योगदान दिया जिनमें दिल्ली के मिहिर देव एवं सोमनाथ बंधोपाध्याय, कैलिफोर्निया के सैमूएल राईट, मलेशिया के यिन केर, कोलकाता के कश्यपक घनी एवं श्रवण मुखर्जी शामिल हैं।
विश्वविद्यालय के प्रथम सत्र में औपचारिक परिचय के बाद विद्यार्थियों को इतिहास एवं पर्यावरण की जानकारी दी गयी। इस अवसर पर उपस्थित विश्वविद्यालय की कुलपति गोपा सभरवाल ने कहा कि आठ वष्रो के अथक प्रयास के बाद अंतत: नालन्दा विश्वविद्यालय की नींव पड गयी।
छात्रों की कम संख्या की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराए जाने पर उन्होंने कहा कि कम प्रचार प्रसार होने के कारण यहां छात्रों की संख्या कम रही। सभरवाल ने बताया कि नालंदा विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए 35 देशों के 1400 छात्र-छात्राओं ने आवेदन दिए हैं पर वर्तमान में सिर्फ दो संकायों स्कूल ऑफ एनवाइरनमंट एंड इकोलॉजिकल स्टडीज और स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज की पढाई शुरू हुई है। उन्होंने बताया कि अगले सत्र से दो और विषयों की पढाई शुरु की जा सकती है पर बाकी बचे विषयों में से किन विषयों की पढाई शुरु की जायेगी इस बारे में विश्वविद्यालय शासी निकाय के सदस्य बैठककर तय करेंगे। सभरवाल ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के आगामी 14 सितम्बर को यहां आने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का भवन निर्माण कार्य शीघ्र ही शुरु किया जायेगा। इसके लिये टेंडर निकालने की प्रक्रिया जल्द शुरु की जाएगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में बिहार विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नालंदा विश्वविद्यालय को फिर से पुनर्जीवित करने के सुझाव पर तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दिशा में पहल की थी।
नालंदा विश्वविद्यालय के इस पुनर्जन्म के अवसर पर सभरवाल ने विश्वविद्यालय के शासी निकाय के सदस्य व पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया।