दिल्ली पुलिस आयुक्त की चाहत आत्मरक्षा प्रशिक्षण लें लड़कियां

दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने सात साल की आयु से लड़कियों के लिए अनिवार्य आत्मरक्षा प्रशिक्षण की शनिवार को वकालत की, भले ही इसके लिए लड़कियों को अपनी नियमित पढ़ाई से कुछ समय के लिए समझौता ही क्यों न करना पड़े। उन्होंने कहा कि अगर उनके साथ कोई दुर्व्यवहार करने का दुस्साहस करता है तो वे ‘पलटवार’ करने में सक्षम हो सकेंगी।

दिल्ली पुलिस आयुक्त की चाहत आत्मरक्षा प्रशिक्षण लें लड़कियां

नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने सात साल की आयु से लड़कियों के लिए अनिवार्य आत्मरक्षा प्रशिक्षण की शनिवार को वकालत की, भले ही इसके लिए लड़कियों को अपनी नियमित पढ़ाई से कुछ समय के लिए समझौता ही क्यों न करना पड़े। उन्होंने कहा कि अगर उनके साथ कोई दुर्व्यवहार करने का दुस्साहस करता है तो वे ‘पलटवार’ करने में सक्षम हो सकेंगी।

बस्सी ने कहा, ‘मैं आप सबसे अनुरोध करना चाहता हूं कि छात्राओं को आत्मरक्षा की शिक्षा देने के लिए अभियान शुरू करें। सात साल की आयु से स्कूल में हर लड़की को अनिवार्य आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम से होकर गुजरना चाहिए और यह दसवीं कक्षा तक जारी रहेगा।’ महिलाओं की सुरक्षा पर यहां फिक्की महिला संगठन (एफएलओ) द्वारा आयोजित परिसंवाद सत्र को संबोधित करने के दौरान उन्होंने कहा कि दसवीं कक्षा तक वह आत्मरक्षा का प्रशिक्षण हासिल कर लेगी----जब वह सड़क पर चले और अगर कोई दुर्व्यवहार करता है तो वह रक्षा करने में सक्षम होगी। अगर वह पलटवार नहीं करती है तो वह अलग मुद्दा है।

उन्होंने कहा, ‘लड़कियों के संवेदनशील हो जाने तक वह (क्षमता) उस समय तक लड़कियों में पैदा की जानी चाहिए।’ दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘आप सबको अवश्य अभियान चलाना चाहिए कि अगर कोई लड़की तीसरी कक्षा में पहुंचे तो उसे अनिवार्य आत्मरक्षा का क्लास दिया जाना चाहिए, भले ही हमें समाजशास्त्र या राजनीतिक विज्ञान की कक्षा को विदा कहना पड़े। और जब वह दसवीं कक्षा में होगी तो वह ब्लैक बेल्ट होगी।’

दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने कहा कि 16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार की घटना ने महिलाओं के खिलाफ अपराध पर ध्यान बढ़ाया है और घटनाओं को सही तरीके से दर्ज करने से महिलाओं के खिलाफ अपराध में तकरीबन 500 फीसदी की वृद्धि हुई है।

बस्सी ने कहा, ‘16 दिसंबर के सामूहिक बलात्कार मामले के महत्वपूर्ण निष्कर्षों में से एक था कि पीड़ित और कई बार पुलिसकर्मियों की तरफ से भी अनिच्छा की वजह से मामले दर्ज नहीं किए गए।’ बस्सी ने कहा, ‘परिणामस्वरूप, साल 2013 में एक संशोधन और साथ ही काफी चर्चा के बाद आदेश दिया गया कि कोई महिला थाने आती है और यदि वह संज्ञेय अपराध की जानकारी देती है तो प्राथमिकी दर्ज करने से मना नहीं किया जाएगा।’

बस्सी ने कहा कि उसके बाद हमने पाया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध तकरीबन 500 फीसदी बढ़ा। इसलिए हमने फैसला किया कि अगर वह मामला है तो हम अपराध को सही ढंग से दर्ज कराएंगे। नतीजा आपके सामने है। पुलिस द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार जहां साल 2012 में शहर में बलात्कार के 706 मामले दर्ज किए गए, वहीं 2013 में इनकी संख्या दुगनी बढ़कर 1636 हो गई। साल 2014 के पहले छह महीने में बलात्कार के 984 मामले दर्ज किए गए हैं जबकि पिछले साल उसी अवधि के दौरान 869 मामले दर्ज किए गए थे।

 

Zee News App: पाएँ हिंदी में ताज़ा समाचार, देश-दुनिया की खबरें, फिल्म, बिज़नेस अपडेट्स, खेल की दुनिया की हलचल, देखें लाइव न्यूज़ और धर्म-कर्म से जुड़ी खबरें, आदि.अभी डाउनलोड करें ज़ी न्यूज़ ऐप.