पटना : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर रेल बजट और आम बजट में बिहार की अनदेखी करने के आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि केंद्र की उदासीनता के कारण इस प्रदेश के विकास को लेकर दृढ़ निश्चय कमजोर नहीं हुआ है।
फेसबुक पर अपने संदेश में जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने वर्ष 2014 के रेल बजट और आम बजट में बिहार की अनदेखी करने के आरोप लगाते हुए आज कहा कि केंद्र की उदासीनता के कारण इस प्रदेश के विकास को लेकर दृढ निश्चय कमजोर नहीं हुआ है।
नीतीश ने कहा कि वर्ष 2012-13 में विकास दर के 15.1 प्रतिशत तक पहुंच जाने तथा प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होने पर केंद्रीय वित्तमंत्री ने बिहार की प्रशंसा किया लेकिन इस प्रदेश को अपने विकास दर को बनाए रखने के लिए कुछ खास मदद नहीं दी।
योजना आयोग के आंकडों का हवाला देते हुए नीतीश ने कहा कि वर्ष 1960-61 से 1968-70 के बीच बिहार का देश में सबसे कम 0.7 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद दर था।
उन्होंने केंद्र पर बिहार के प्रति पक्षपाती आर्थिक नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मालभाडा सामान्यीकरण को लागू किए जाने से बिहार से संसधानों का पलायन को बढावा मिला । केंद्रीय संस्थानों की स्थापना में बिहार की लगातार अनदेखी की गयी।
नीतीश ने कहा कि केंद्र की अनदेखी से बिहार के विकास का दृढ निश्चय कमजोर नहीं हुआ है, बिहार अब आगे बढने से रुकेगा नहीं और न ही उसे रोका जा सकता है।