राणे को मनाने की कोशिशें नाकाम, सोनिया दे सकती हैं दखल

कोंकण क्षेत्र के प्रभावशाली नेता नारायण राणे के महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद मंगलवार को उन्हें मनाने की कोशिशें नाकाम हो गईं और अब यह मामला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हवाले किया जाएगा ताकि वह इस मुद्दे का हल निकालें।

राणे को मनाने की कोशिशें नाकाम, सोनिया दे सकती हैं दखल

मुंबई : कोंकण क्षेत्र के प्रभावशाली नेता नारायण राणे के महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद मंगलवार को उन्हें मनाने की कोशिशें नाकाम हो गईं और अब यह मामला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हवाले किया जाएगा ताकि वह इस मुद्दे का हल निकालें।

मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे से बंद कमरे में हुई मुलाकात करने वाले राणे ने अपना इस्तीफा वापस लेने से इनकार कर दिया और जोर देकर कहा कि उनका इस्तीफा मंजूर किया जाए। राणे ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह फैसला किया गया कि मुख्यमंत्री अगले दो-तीन दिन में सोनिया गांधी से मिलने का समय लेंगे। मैं, चव्हाण और माणिकराव ठाकरे उनसे मिलकर उन मुद्दों पर चर्चा करेंगे जो हमने उठाए हैं।’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘चव्हाण ने मुझे इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने की कोशिश की और कहा कि मैं सरकार और पार्टी के लिए काम करूं क्योंकि मेरी सेवाओं की जरूरत है। लेकिन मैंने उनसे कहा कि पहले त्याग-पत्र में मेरी तरफ से उठाए गए मुद्दे सुलझाने की जरूरत है।’

यह पूछे जाने पर कि क्या गतिरोध खत्म करने के लिए उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की पेशकश की गई, इस पर उन्होंने कहा, ‘ऐसी कोई पेशकश नहीं की गई। मेरा इस्तीफा स्वीकार करने में ही समाधान है।’ बाद में चव्हाण ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने राणे से इस्तीफा वापस लेने को कहा और उन्हें भरोसा दिलाया कि उनके पत्र में उठाए गए मुद्दों से पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया जाएगा। चव्हाण ने उम्मीद जताई कि बातचीत के जरिए मामला सुलझा लिया जाएगा।

चव्हाण ने कहा, ‘हमने सांगठनिक एवं प्रशासनिक मुद्दों के साथ-साथ चुनाव अभियान रणनीति पर विस्तार से चर्चा की। मैं राणे से हुई अपनी चर्चा के बारे में आलाकमान और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव मोहन प्रकाश को बताउंगा। मैं उनकी तरफ से उठाए गए राज्य-स्तरीय मुद्दे सुलझाने की कोशिश करूंगा। बातचीत के जरिए मामले को सुलझा लिए जाने की संभावना है।’

राणे ने अपने त्याग-पत्र में क्या लिखा इसकी जानकारी नहीं है पर उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व के प्रति अपने असंतोष को सार्वजनिक कर दिया है। राणे खुद को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री न बनाने से नाराज हैं। उनका कहना है कि 2005 में शिवसेना छोड़कर जब वह कांग्रेस में शामिल हुए तो उनसे वादा किया गया था कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।

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