सर्किल रेट रद्द करने की याचिका पर केन्द्र और दिल्ली सरकार को नोटिस

दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के मौजूदा सर्किल रेट रद्द करने के लिए एक वकील की याचिका पर केन्द्र और दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया है।

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के मौजूदा सर्किल रेट रद्द करने के लिए एक वकील की याचिका पर केन्द्र और दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया है।

मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने दिल्ली नगर निगम को भी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। नगर निगम को यह स्पष्ट करना है कि क्या वह भी सर्किल रेट या सौदे में जो भी अधिक हो, के आधार पर स्टांप ड्यूटी ले रहा है। इन सभी को पांच नवंबर तक इस मामले में जवाब दाखिल करना होगा।

स्थानीय अधिवक्ता अमित गुप्ता ने इस याचिका के निपटारा होने तक सर्किल रेट के आधार पर दिल्ली में स्टांप ड्यटी लेने और हस्तांतरण ड्यूटी वसूलने पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। याचिका में कहा गया है कि सर्किल रेट की अधिसूचना मनमानी और अनुचित है क्योंकि दिल्ली सरकार ने गहन विचार के बगैर ही इन दरों का निर्धारण किया है और इसकी वजह से पक्षकारों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

इसमें कहा गया है कि उदाहरण के रूप में किसी तल विशेष या संपत्ति के बीच सर्किल रेट में अंतर नहीं किया गया है। इसी तरह से तलघर (बेसमेंट) और भूतल के सर्किल रेट में भी कोई अंतर नहीं है।

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