पत्नी की जला कर हत्या करने के मामले में पति को आजीवन कारावास
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पत्नी की जला कर हत्या करने के मामले में पति को आजीवन कारावास

अदालत ने सुनवाई के दौरान सभी गवाहों के बयान से मुकर जाने के बावजूद पीड़िता के मृत्यु पूर्व दिए गए बयान के आधार पर अपनी पत्नी की जला कर हत्या करने के मामले में एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है।

मुजफ्फरनगर: अदालत ने सुनवाई के दौरान सभी गवाहों के बयान से मुकर जाने के बावजूद पीड़िता के मृत्यु पूर्व दिए गए बयान के आधार पर अपनी पत्नी की जला कर हत्या करने के मामले में एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है।

सरकारी वकील यशपाल सिंह के मुताबिक, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद उपाध्याय ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत नीटू को दोषी पाया। अदालत ने अभियुक्त पर 20,000 रूपया का जुर्माना भी लगाया है।

शराब पीने का विरोध किये जाने पर हसनपुर गांव में 16 जनवरी, 2010 को नीटू ने अपनी पत्नी पिंकी पर किरासन तेल डाल कर उसे आग के हवाले कर दिया था। पिंकी को अस्पताल ले जाया गया जहां पर उसने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दिया। इस दंपत्ति की 2007 में शादी हुयी थी। सुनवाई के दौरान सभी चश्मदीद गवाह मुकर गये। लेकिन अदालत ने पीड़िता के मृत्यु पूर्व दिए गए बयान के आधार पर पति को दोषी पाया।

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