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नई दिल्ली : पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एन भट्ट ने आज कहा कि उनसे जनलोकपाल विधेयक पर सलाह नहीं ली गई थी, अपितु केवल कुछ नियमों की वैधता के बारे में विचार विमर्श किया गया था। भट्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कल दिए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही। केजरीवाल ने कहा था कि सरकार ने भट्ट समेत चार वकीलों से सलाह ली थी और उन सभी का यह मानना था कि गृह मंत्रालय का आदेश असंवैधानिक है।
गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा था कि दिल्ली सरकार को किसी कानून को लागू करने से पहले केंद्र सरकार की इजाजत लेनी होगी। भट्ट ने कहा कि उनसे जनलोकपाल विधेयक पर सलाह नहीं ली गई थी बल्कि उससे जुड़े एक नियम की वैधता के बारे में पूछा गया था।
उन्होंने कहा, मैंने उन्हें सलाह थी कि यह नियम अवैध हो सकता है लेकिन इसका इलाज यह नहीं है कि आप उपराज्यपाल को बुरा भला कहें, बल्कि इलाज यह है कि अदालत में जाएं और नियमों की वैधता को चुनौती दें। जन लोकपाल विधेयक के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर भट्ट ने कहा, मुझे जन लोकपाल विधेयक का भविष्य कोई बहुत अच्छा नजर नहीं आता।
दिल्ली विधानसभा में इसपर बहस को कोई रोक नहीं सकता और फिर कांग्रेस भी इसका समर्थन करे और इसे मंजूरी दे। उसके बाद अगला तार्किक कदम इसे उपराज्यपाल को मंजूरी के लिए देना होगा। वह इसे राष्ट्रपति को भेज सकते हैं। उनके पास यह विकल्प है। इसमें कुछ वक्त लगेगा। यह सब कुछ होने के बाद विधेयक पारित होगा।
भट्ट ने कहा, मुझे संदेह है कि यह (जनलोकपाल विधेयक) अपनी मंजिल तक पहुंच पाएगा। आप (सरकार) उसके बाद यह कह सकती है कि उसने प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पाई। केजरीवाल ने कल उपराज्यपाल नजीब जंग से कहा था कि वह कांग्रेस और गृह मंत्रालय के हितों का संरक्षण न करें, जो उनकी सरकार के जन लोकपाल विधेयक में बाधक बनने के इच्छुक हैं। (एजेंसी)