चारा घोटाला : लालू यादव को 5 साल कैद की सजा, हाईकोर्ट में करेंगे अपील

सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को पांच साल जेल की सजा सुनाई है।

रांची: झारखंड की राजधानी रांची स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने गुरुवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को 17 साल पुराने चारा घोटाले मामले में पांच साल कैद और 25 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इस सजा के बाद लालू प्रसाद की लोकसभा सदस्यता और उनके राजनीतिक करियर पर प्रश्नचिह्न् लग गया है।
चारा घोटाले के एक मामले में सजा पाने के बाद लालू प्रसाद के वकील ने कहा है कि उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ है और वह झारखंड हाईकोर्ट में 17 अक्तूबर को अपनी अपील दायर करेंगे जहां से उन्हें न्याय मिलने की आशा है।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र और जनता दल-युनाइटेड (जदयू) के नेता जगदीश शर्मा को चार-चार साल कारावास की सजा सुनाई। मिश्रा के स्नानागार में गिर जाने की वजह से उन्हें बुधवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें दो लाख रुपये और शर्मा को पांच लाख रुपये जुर्माना भरना होगा।
जेल सूत्रों के मुताबिक, बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के वीडियो कांफ्रेसिंग कक्ष में सजा सुनकर लालू प्रसाद (67) स्तब्ध रह गए। इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संस्थापक लालू प्रसाद के वकील सुरेंद्र सिंह ने उनकी उम्र और सेहत का हवाला देते हुए उन्हें न्यूनतम सजा दिए जाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि लालू प्रसाद समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति और समाज में उच्च स्थान पर मौजूद हैं।
सीबीआई अदालत ने 45 में से 37 दोषियों की सजा का ऐलान किया जिन्हें चाईबासा जिला कोषागार से अवैध तरीके से 37.70 करोड़ रुपये निकालने के मामले में दोषी साबित किया गया था। झारखंड के गठन के बाद यह जिला इस राज्य में शामिल हो गया है। राजद के पूर्व विधायक आर.के.राणा को पांच साल कारावास और 30 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। बिहार सरकार के पशुपालन विभाग को चारे की आपूर्ति करने वाले एक व्यक्ति पर 1.5 करोड़ रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई गई है, जो कि इस मामले में किसी पर लगाया गया सबसे बड़ा अर्थदंड है।
सीबीआई अदालत ने 30 सितंबर को सभी 45 आरोपियों को चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिया था। आठ आरोपियों को तीन साल के कारावास और 50 लाख रुपये हर्जाना भरने की सजा सुनाई गई है। इस फैसले के बाद लालू प्रसाद यादव देश के दूसरे राजनेता बन गए हैं जिनकी संसद सदस्यता सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के तहत रद्द होने की पूरी संभावना है।
उधर, लालू के वकील चितरंजन प्रसाद सिन्हा ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लालू ने कहा है कि उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत से इंसाफ नहीं मिला है। सिन्हा ने कहा कि लालू को आशंका थी कि जदयू के एक वर्तमान मंत्री से सीबीआई न्यायाधीश की रिश्तेदारी है जिसके चलते उनका लालू के खिलाफ कथित पूर्वाग्रह है।
उन्होंने कहा कि फैसले के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में 17 अक्तूबर को अपील दाखिल की जाएगी। उन्होंने बताया कि उन्हें आज अदालत द्वारा दिये गये फैसले की प्रति नहीं मिल सकी है। आज भी अदालत से फैसले की प्रति देने की अपील की गयी थी लेकिन अदालत ने आज शाम तक अथवा पांच अक्तूबर को फैसले की प्रति अभियुक्तों को उपलब्ध कराने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि आज शाम तक तो फैसले की प्रति नहीं मिली है लिहाजा उम्मीद है कि यह पांच तारीख को मिल जाएगा लेकिन झारखंड उच्च न्यायालय में पांच अक्तूबर से ही दशहरे का अवकाश है जो 16 अक्तूबर तक रहेगा। (एजेंसी)

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