मोदी के सामने बिहार को विशेष दर्जे की मांग रखी मांझी ने

बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नवनियुक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग उठाई है जिसे पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रमुखता से उठाते रहे हैं।

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नवनियुक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग उठाई है जिसे पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रमुखता से उठाते रहे हैं। मांझी ने बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा देने का मुद्दा उस समय उठाया जब मोदी ने उनके शपथ ग्रहण के बाद फोन पर उनसे बात की थी। नये मुख्यमंत्री कल रात कुछ मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी ने मेरे शपथ ग्रहण के बाद मुझे बधाई देने के लिए फोन किया था, तब मैंने बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग उठाई थी। हमारे राज्य को विशेष दर्जा देने से जनता के बीच अच्छा संदेश जाएगा। मांझी ने नीतीश के एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगर बिहार के लिए यह मांग पूरी नहीं होती तो राज्य में बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
लोकसभा चुनावों के दौरान जदयू के एजेंडे में भी बिहार को विशेष दर्जा का विषय शीर्ष पर रहा। नीतीश ने इस मांग के समर्थन में पटना और नयी दिल्ली में दो बड़ी रैलियां भी की थीं।
मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान घोषणा की थी कि अगर उनकी सरकार आई तो बिहार और पूर्वोत्तर के राज्यों के बेहतर विकास के लिए उन्हें ‘विशेष दर्जा’, विशेष पैकेज’ दिया जाएगा और उन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मांझी ने बताया कि उन्हें कल राष्ट्रपति भवन में नवनियुक्त प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया गया है। उन्होंने कहा, मुझे मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए पीएमओ द्वारा भेजा गया निमंत्रण मिला है। मैं जल्दी निर्णय लूंगा।
मांझी ने अपनी सरकार के लिए जदयू और राजद को साथ लेने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर इस तरह की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया। विश्वास मत में मांझी को लालू प्रसाद से मिले समर्थन के बाद इस तरह की अटकलें सामने आ रहीं थीं।
मांझी ने कहा, राजद के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। हमने उनसे समर्थन के लिए नहीं कहा था लेकिन उन्होंने सांप्रदायिक ताकतों को दूर रखने के लिए खुद से इस तरह की पेशकश की। मांझी की सरकार में दिन-प्रतिदिन का काम नीतीश कुमार द्वारा रिमोट से संचालित किये जाने के भाजपा के दावे पर उन्होंने कहा कि यह अच्छे काम करने वालों के प्रति भाजपा की मनुवादी सोच और संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, भाजपा को ही नागपुर में संघ के रिमोट कंट्रोल से चलाया जाता है। क्या वे संघ या उसके प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ कुछ बोल सकते हैं। बिहार के लिए अपने एजेंडे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि नीतीश कुमार द्वारा शुरू किये गये विकास के एजेंडे को पूरा करने के लिए उनके पास सही तरह से केवल 10 से 12 महीने का समय है। उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था को और अधिक सख्त करने की जरूरत बताई।
(एजेंसी)

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