Trending Photos
ज़ी मीडिया ब्यूरो
पटना: पटना में सीरियल ब्लास्ट मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। यह कहा जा रहा है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को रैली में जाने से गुजरात खुफिया विभाग के अफसरों ने रोका था। शायद इन अफसरों को इस बात की भनक थी कि रैली से पहले या उस दौरान सीरियल धमाकों जैसी वारदात हो सकती है। लेकिन मोदी ने इन अफसरों की बात को अनसुना कर दिया। दरअसल ऐसा मोदी ने रैली में उमड़ी भीड़ को देखकर किया और कहा कि मैं रैली में जाऊंगा।
बिहार की राजधानी पटना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की `हुंकार रैली` के पूर्व हुए श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों में मृतकों की संख्या बढ़ कर छह हो गई है। इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार देर रात पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) पहुंचकर घायलों से मुलाकात की। इन विस्फोटों में इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) का हाथ बताया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, घायलों में से एक की मौत देर रात हो गई जिससे मरने वालों की संख्या छह हो गई। पुलिस के आला अधिकारियों के अनुसार इन विस्फोटों के पीछे आईएम का हाथ है और इसके पीछे की साजिश झारखंड के रांची में रची गई थी। उन्होंने बताया कि पटना और रांची से अब तक चार संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है। अधिकारिक तौर पर इस मामले का जल्द खुलासा कर दिया जाएगा।
पटना के पुलिस महानिदेशक अभयानंद ने बताया कि पटना के रेलवे स्टेशन और रैली स्थल गांधी मैदान के आसपास कुल सात धमाके हुए जिसमें छह लोगों की मौत हो गई है जबकि 83 लोग घायल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि सभी विस्फोट साढ़े नौ बजे से लेकर साढ़े बारह बजे के बीच हुए हैं। अभयानंद ने बताया कि मृतकों में से तीन की पहचान पटना के रामनारायण सिंह, कैमूर के विकास सिंह, सुपौल के भरत रजक और गोपालगंज के मुन्ना श्रीवास्तव के रूप में की गई है।
इस बीच मुख्यमंत्री ने देर रात पीएमसीएच जा कर घायलों से मुलाकात की और स्वास्थ्य विभाग को कई निर्देश दिए। उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर घायलों को राज्य से बाहर भेजे जाने का निर्देश विभाग को दिया। इधर, पूरे मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम पटना पहुंच गई है। इस घटना के बाद पटना सहित पूरे राज्य में अलर्ट घोषित कर दिया गया है।