संजय के पैरोल पर कोर्ट ने कहा- एक साल में इतने दिन जेल से बाहर तो कानून का मतलब क्या?

तीसरी बार पैरोल पर बाहर चल रहे बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त की मुसीबतें बढ़ गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें मिले पैरोल पर सवाल उठाए है ।

ज़ी मीडिया ब्यूरो
मुंबई: तीसरी बार पैरोल पर बाहर चल रहे बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त की मुसीबतें बढ़ गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें मिले पैरोल पर सवाल उठाए है । कोर्ट ने मंगलवार को कहा है कि संजय दत्त को बार बार पैरोल दिया जाने का आखिर मतलब क्या है। कोर्ट ने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमिटी गठित करने का आदेश दिया है और कहा है कि और संजय को बार-बार मिल रहे पैरोल की जांच की जाए
कोर्ट ने कहा है कि एक साल में इतने दिन कोई दोषी व्यक्ति अगर जेल से बाहर है तो कानून का फिर मतलब क्या है। कोर्ट ने कहा कि राज्य को सभी के साथ एक जैसा बर्ताव करना चाहिए। गौर हो कि संजय दत्त को लगातार तीसरी बार पैरोल मिली है और वह 21 मार्च तक पैरोल पर जेल से फिलहाल बाहर चल रहे है।
गौर हो कि अभिनेता संजय दत्त को बार-बार पैरोल दिए जाने के मुद्दे पर केंद्र ने महाराष्ट्र सरकार से रिपोर्ट मांगी है । संजय दत्त को 1993 के मुम्बई शृंखलाबद्ध विस्फोट मामले में छह वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई है।
गृह मंत्रालय ने अपने संवाद में राज्य सरकार से स्पष्ट करने को कहा है कि 54 वर्षीय बालीवुड अभिनेता को जेल जाने के एक वर्ष से कम अवधि में तीन बार पैरोल प्रदान कर विशेष सुविधा क्यों प्रदान की गई? सुप्रीम कोर्ट ने संजय दत्त को 1993 के मुम्बई शृंखलाबद्ध विस्फोट मामले में अवैध तरीके से हथियार रखने के लिए दोषी ठहराया गया था और छह वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई थी।
वह पहले 18 महीने जेल में रह चुके हैं और 18 मई 2013 को मुम्बई की एक अदालत के समक्ष शेष अवधि के कारावास की सजा पूरी करने के लिए आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद से महाराष्ट्र सरकार संजय दत्त को तीन बार पैरोल प्रदान कर चुकी है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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