...यदि ये उपाय किए गए होते तो सफेद बाघ के चंगुल से बच जाता मकसूद

दिल्ली के चिड़ियाघर में सफेद बाघ के बाड़े में गिरकर मंगलवार को एक युवक ने अपनी जान गंवा दी। 15 मिनट मायने रखते हैं और इतनी देर तक वह बाघ के बाड़े में रहा और उसकी जिंदगी महफूज रही।

...यदि ये उपाय किए गए होते तो सफेद बाघ के चंगुल से बच जाता मकसूद
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ज़ी मीडिया ब्यूरो

नई दिल्ली: दिल्ली के चिड़ियाघर में सफेद बाघ के बाड़े में गिरकर मंगलवार को एक युवक ने अपनी जान गंवा दी। 15 मिनट मायने रखते हैं और इतनी देर तक वह बाघ के बाड़े में रहा और उसकी जिंदगी महफूज रही। लेकिन तमाशा देख रही भीड़ में से किसी ने पत्थर मार दी और छात्र मकसूद की जान चली गई। लेकिन जानकारों का मानना है कि इन उपायों से मकसूद की जिंदगी बचाई जा सकती थी।

उपाय नंबर-1
जैसे ही 20 वर्षीय मकसूद बाघ के बाड़े में गिरा, उसके बाद 15 मिनट तक प्रशासन के कर्मचारियों ने कोई कदम नहीं उठाया। इस 15 मिनट में युवक की जान बचाई जा सकती थी। सबसे पहले तो चिड़ियाघर में लटकने वाली सीढ़ी का इंतजाम होना चाहिए था।

उपाय नंबर-2
अगर रस्सी की मदद से बनाई गई सीढ़ी को बाघ के बाड़े में लटका दिया जाता, तो युवक की जान बच सकती थी। मकसूद के गिरने के बहुत देर बाद तक बाघ एकदम शांत ही रहा। ऐसे में यह उपाय कारगर साबित हो सकता था।

उपाय नंबर-3
दूसरी बात यह कि बाघ को वक्त रहते नशे की सुई (ट्रैंक्युलाइजर गन) से बेहोश भी किया जा सकता था। इससे आसानी से बाघ पर काबू पा लिया जाता और मकसूद की जान बच सकती थी। ट्रैंक्युलाइजर गन को 'कैप्चर गन' या 'डर्ट गन' भी कहते हैं। खतरनाक जानवरों को बिना चोट पहुंचाए काबू में करने व पकड़ने के लिए देश के सभी चिड़ियाघरों व जंगलों में लंबे समय से ट्रंक्युलाइजर गन का इस्तेमाल किया जाता रहा है।
 

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