वसुंधरा ने लीं मुख्यमंत्री पद की शपथ, दूसरी बार बनीं राजस्थान की सीएम
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वसुंधरा ने लीं मुख्यमंत्री पद की शपथ, दूसरी बार बनीं राजस्थान की सीएम

वसुंधरा राजे ने शुक्रवारको राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

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जयपुर : सिंधिया राजघराने की सदस्य और वर्ष 1984 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य के तौर पर राजनीतिक जीवन में प्रवेश करने वाली वसुंधरा राजे ने आज दोबारा राजस्थान की कमान संभाली है। राजे ने वर्ष 2003 में पहली बार राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
भाजपा आलाकमान ने वसुंधरा राजे को राजस्थान के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर राजस्थान विधानसभा चुनाव की कमान सौंपी। राजे के नेतृत्व में लडे गए चौदहवीं राजस्थान विधानसभा के चुनाव में पार्टी ने 199 सीटों में से 162 सीटों पर ऐतिहासिक जीत अर्जित की। 8 मार्च 1953 को मुम्बई में जन्मीं वसुंधरा राजे ने वर्ष 1985 में आठवीं विधानसभा के चुनाव में जीत दर्ज कराकर विधानसभा पहुंची और वर्ष 1989 तक अपने क्षेत्र का राजस्थान में प्रतिनिधित्व किया।
राजे का सौभाग्य है कि उन्हें दोनों दफा महिला राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई है। राजे को वर्ष 2003 में राज्य की तत्कालीन राज्यपाल प्रतिभा पाटिल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई और शुक्रवार को राजस्थान की राज्यपाल मार्गेट आल्वा ने राजे को शपथ दिलाई। राजे ने 2003 में विधानसभा परिसर के बाहर जनपथ पर शपथ ली जबकि इस बार विधानसभा परिसर में शपथ ली है।
वर्ष 1985 से 1987 तक भाजपा युवा मोर्चा की उपाध्यक्ष रहीं राजे ने संगठनात्मक ढाचे को करीबी से देखा ओर हौले हौले अपनी मंजिल की ओर बढती गई। राजे को वर्ष 1987 में भाजपा की राजस्थान प्रदेश इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया।
वसुंधरा लगातार पांच बार 1989, 1991, 1996, 1998 और 1999 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुई। राजे इस दौरान वर्ष 1998 से 1999, वर्ष 2001 से 29 जनवरी 2001 तक केन्द्र में राज्य मंत्री रही। राजे ने 14 नवम्बर 2002 को राजस्थान में एक बार फिर पर्दापण कर भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाली। वर्ष 2003 में हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को शानदार जीत दर्ज करवा कर 8दिसम्बर 2003 को प्रदेश की कमान संभाली।
तेहरवीं विधानसभा चुनाव में वसुंधरा राजे स्वयं चुनाव जीत गई लेकिन पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के कारण प्रतिपक्ष में बैठना पडा। राजे 2 जनवरी 2009 से 25 फरवरी 2010 तक तथा 9 मार्च 2011 से 20 फरवरी 2013 तक राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहीं। भाजपा आलाकमान ने चौदहवीं राजस्थान विधान सभा के चुनाव की रणभेदी बजने से पहले ही राजे को प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर राजे के नेतृत्व में चुनाव लडने का ऐलान किया। (एजेंसी)

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