धरुण को भारत नहीं भेजा जाएगा
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धरुण को भारत नहीं भेजा जाएगा

अपने साथ रहने वाले समलैंगिक साथी पर जासूसी करने के लिए दोषी ठहराए गए टगर्स विश्वविद्यालय के भारतीय मूल के छात्र को न्यूजर्सी की जेल से छोड़ने के बाद भारत निर्वासित नहीं किया जाएगा। वह जेल की सजा काट रहा है।

न्यूयॉर्क : अपने साथ रहने वाले समलैंगिक साथी पर जासूसी करने के लिए दोषी ठहराए गए टगर्स विश्वविद्यालय के भारतीय मूल के छात्र को न्यूजर्सी की जेल से छोड़ने के बाद भारत निर्वासित नहीं किया जाएगा। वह जेल की सजा काट रहा है।
धरूण रवि (20) को 30 दिन कैद की सजा सुनाई गई थी लेकिन उसे 20 दिन की सजा काटने के बाद आज मिडलसेक्स कंट्री जेल से रिहा किया जा सकता है।
न्यू जर्सी राज्य के नियमों के मुताबिक रवि के अच्छे व्यवहार और जेल में काम करने के लिए उसकी सजा 10 दिन कम किए जाने की संभावना है।
भारतीय मूल के छात्र को अपने रूममेट टाइलर क्लीमेंटी को एक अन्य व्यक्ति से समलैंगिक संबंध बनाते हुए वेबकैम से तस्वीर उतारकर उसकी निजता का हनन करने समेत 15 मामलों में इस साल मार्च में दोषी ठहराया गया था, जिसके बाद उसे भारत के निर्वासन का सामना करना पड़ा था।
क्लीमेंटी को जब रवि की इस करतूत का पता चला तो उसने कुछ दिन बाद जार्ज वाशिंगटन ब्रिज से छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली।
रवि पांच साल की उम्र में अपने माता.पिता के साथ अमेरिका आया था। वह अमेरिका का स्थायी निवासी है लेकिन नागरिक नहीं है।
अमेरिकी आव्रजन और सीमाशुल्क प्रवर्तन विभाग ने कहा कि रवि के रिकार्ड को ध्यान में रखते हुए उसे भारत निर्वासित नहीं किया जाएगा। (एजेंसी)

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