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नई दिल्ली : भाजपा की ‘निराशाजनक’ स्थिति को लेकर वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की ओर से की गई सार्वजनिक आलोचना के बीच पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी कुछ राज्यों में होने जा रहे विधानसभा और आगामी लोकसभा चुनाव से पहले संगठन को चुस्त दुरूस्त बनाने और कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने की कवायद में जुट गए हैं।
गडकरी के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि आडवाणी ने मुंबई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में और बाद में ब्लाग के जरिए पार्टी की स्थिति और उसके अध्यक्ष के कुछ फैसलों पर जो सवाल उठाए हैं, उन्हें भाजपा प्रमुख ने गंभीरता से लिया है।
आडवाणी ने अपने ब्लाग में गडकरी का नाम लिए बिना लिखा है कि उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मायावती सरकार से भ्रष्टाचार के आरोप में मंत्री पद से हटाए गए बाबू सिंह कुशवाहा को भाजपा में लेने सहित कर्नाटक और झारखंड के कुछ निर्णयों से भ्रष्टाचार के विरूद्ध भाजपा के अभियान को धक्का पंहुचा है। उन्होंने कहा कि इसके कारण संप्रग सरकार से जनता के कथित मोहभंग का भाजपा न केवल लाभ नहीं उठा पाई बल्कि पार्टी के भीतर निराशा छाई हुई है।
सूत्रों ने बताया कि गडकरी ने अब फैसला किया है कि वह हर पखवाड़े भाजपा कोर ग्रुप की बैठकें किया करेंगे। इसके अलावा वह भाजपा के विभिन्न मोचरे और प्रकोष्ठों के प्रमुखों से इस सप्ताह विचार विमर्श करेंगे। भाजपा के एक नेता ने कहा कि ऐसी संभावनाएं बढ़ती जा रहीं हैं कि लोकसभा चुनाव शायद 2014 से पहले ही हो जाएं और पार्टी को इस बात को ध्यान में रख कर तैयारी करनी चाहिए। पार्टी अध्यक्ष ने छह जून को भाजपा के महिला मोर्चा और अनुसूचित जाति-जन जाति मोर्चो सहित कई प्रकोष्ठों के प्रमुखों की बैठक बुलाई है जिसमें जमीनी स्थिति का जायज़ा लिया जाएगा। (एजेंसी)