भारत-पाक वार्ता विफल, सियाचिन पर गतिरोध बरकरार
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भारत-पाक वार्ता विफल, सियाचिन पर गतिरोध बरकरार

भारत और पाकिस्तान ने मंगलवार को सियाचिन ग्लेशियर विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए गम्भीर, ठोस और परिणाम केंद्रित प्रयास करने का संकल्प दोहराया।

इस्लामाबाद/नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान ने मंगलवार को सियाचिन ग्लेशियर विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए गम्भीर, ठोस और परिणाम केंद्रित प्रयास करने का संकल्प दोहराया। हालांकि इस दो दिवसीय वार्ता का कोई ठोस परिणाम नहीं निकला और यह एक तरह से विफल ही साबित हुआ।
रावलपिंडी में दो दिवसीय रक्षा सचिव स्तर की बातचीत की समाप्ति के बाद जारी हुए एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष सभी लम्बित मुद्दों के जल्द समाधान के लिए दोनों देशों के नेताओं की इच्छाओं के अनुरूप सियाचिन पर बातचीत जारी रखने के लिए सहमत हुए हैं।
बातचीत में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा ने किया, जबकि पाकिस्तानी पक्ष का नेतृत्व वहां की रक्षा सचिव नर्गिस सेठी ने किया।
भारतीय रक्षा मंत्रालय की ओर से नई दिल्ली में जारी एक बयान में कहा गया है, बातचीत सद्भावपूर्ण एवं मित्रवत माहौल में हुई।
दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि सियाचिन पर अगले दौर की बातचीत आपस में सुविधाजनक तिथि पर नई दिल्ली में होगी। दोनों पक्षों ने माना कि 2003 से ही संघर्ष विराम बना हुआ है।
शर्मा ने अपने पाकिस्तान प्रवास के दौरान वहां के रक्षा मंत्री सैयद नवीद कमर से भी मुलाकात की।
शर्मा ने मीडिया से कहा कि दोनों देशों ने सियाचिन विवाद पर प्रगति की है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने विवाद के समाधान के लिए सिफारिशों का आदान-प्रदान किया।
ज्ञात हो कि सियाचिन ग्लेशियर विवाद उस समय सुर्खियों में आया, जब अप्रैल के प्रारम्भ में एक पाकिस्तानी सैन्य शिविर पर भारी हिमस्खलन हुआ, परिणामस्वरूप 140 सैनिकों और असैन्य ठेकेदारों की बर्फ के नीचे दबने से मौत हो गई।
उसके बाद से ही लम्बे समय से लम्बित इस विवाद के समाधान के लिए आह्वान किए जा रहे हैं, जहां विपरीत मौसम के कारण जितने सैनिक मारे गए हैं, उतने लड़ाई में नहीं।
दोनों देशों ने इस मुद्दे पर कई वार्ताएं की हैं, लेकिन वे किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं। दोनों देशों ने इस मुद्दे पर पिछली बातचीत 2011 के मध्य नई दिल्ली में की थी, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई थी।
कयानी ने 18 अप्रैल के हिमस्खलन के बाद सियाचिन का दौरा किया था और टकराव के अंत के लिए बातचीत का आह्वान किया था और कहा था कि ग्लेशियर को सैन्यमुक्त किया जाना चाहिए।
कयानी ने कहा था, दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण सहअस्तित्व बहुत जरूरी है, ताकि दोनों पक्ष अपने लोगों की बेहतरी पर ध्यान केंद्रित कर सकें। दोनों देशों को एकसाथ मिल बैठकर सियाचिन सहित सभी मुद्दे सुलझा लेने चाहिए। (एजेंसी)

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