कुडनकुलम प्रोजेक्ट पर एमओयू की प्रति मांगी
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कुडनकुलम प्रोजेक्ट पर एमओयू की प्रति मांगी

मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में कुंडाकुलम परियोनजा के बारे में 1982 में हुए भारत-रूस सहमति पत्र की प्रतियां और परियोजना के परमाणु संयंत्र पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट की प्रति पेश करने का निर्देश केन्द्र सरकार को दिया है।

चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु में कुंडाकुलम परियोनजा के बारे में 1982 में हुए भारत-रूस सहमति पत्र की प्रतियां और परियोजना के परमाणु संयंत्र पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट की प्रति पेश करने का निर्देश केन्द्र सरकार को दिया है।
न्यायमूर्ति पी ज्योतिमणि और न्यायमूर्ति एम दोराइस्वामी की खंडपीठ ने कुंडकुलम परमाणु संयंत्र में सुरक्षा के समुचित उपाय होने तक इसे चालू करने से रोकने के लिए दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार से इन दस्तावेज की प्रतियां मांगी। न्यायालय ने इस परियोजना की स्वीकृति से संबंधित सारी सूचनाएं मांगी है। इसमे तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट भी शामिल है।
अतिरिक्त सालिसीटर जनरल एम रवीन्द्रन ने कहा कि ये दस्तावेज सीलबंद लिफाफे में न्यायालय को उलपब्ध करा दिये जाएंगे। इस मामले में अब 21 जून को आगे सुनवाई होगी। न्यायालय ने सुनामी या फुकूशीमा जैसे खतरे की स्थिति में बरती जाने वाली सावधानियों और इस परियोजना से मछली पकड़ने की गतिविधियों के प्रति लोगों की आशंकाओं पर तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से हलफनामा मांगा है। इससे पहले, परमाणु उर्जा विभाग और परमाणु उर्जा आयोग ने न्यायालय में दाखिल संयुक्त जवाब में कहा था कि परमाणु उजा कानून के तहत सुरक्षा उपाया लागू करने के अधिकार परमाणु उर्जा नियायक बोर्ड के पास है। चूंकि नियामक बोर्ड बेहद पारदर्शी और प्रभावी तरीके से काम कर रहा है। (एजेंसी)

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