चीन ने पहली बार अतिक्रमण की बात कबूली- 'हां...हम करते हैं भारतीय सीमा में घुसपैठ'

  चीन की सेना ने पिछले साल लद्दाख क्षेत्र की देपसांग घाटी में अतिक्रमण करने की बात कबूली है। ऐसा पहली बार हुआ है जब पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने इस तरह की घटनाओं में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा के बारे में अलग अलग धारणाओं की वजह से हुईं।

चीन ने पहली बार अतिक्रमण की बात कबूली- 'हां...हम करते हैं भारतीय सीमा में घुसपैठ'

बीजिंग:  चीन की सेना ने पिछले साल लद्दाख क्षेत्र की देपसांग घाटी में अतिक्रमण करने की बात कबूली है। ऐसा पहली बार हुआ है जब पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने इस तरह की घटनाओं में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा के बारे में अलग अलग धारणाओं की वजह से हुईं।

चीन की सेना ने पहली बार पिछले साल लद्दाख क्षेत्र की देपसांग घाटी में अतिक्रमण करने की बात कबूल की और कहा कि ऐसी घटनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा के बारे में अलग अलग धारणाओं की वजह से हुईं। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल गेंग यानशेंग ने कहा, पिछले साल सीमावर्ती क्षेत्र में कुछ घटना हुई थी। सारे मुद्दे बातचीत के जरिए उचित ढंग से हल कर लिए गए। हालांकि उन्होंने देपसांग घाटी का नाम नहीं लिया जहां पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों ने पिछले साल अप्रैल में उस क्षेत्र पर अपना नियंत्रण जतलाने के लिए खेमे लगा लिए थे।

प्रवक्ता ने यहां संवाददाता सम्मेलन में सवाल का जवाब देते हुए कहा, सीमा रेखा का निर्धारण नहीं है और दोनों पक्ष की वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर अलग अलग व्याख्याएं हैं। इस संवाददाता सम्मेलन में कुछ चुनिंदा विदेशी मीडिया को आने की इजाजत दी गई थी और ऐसा चीनी सेना के इतिहास में पहली बार हुआ।

पिछले साल मई में चीनी प्रधानमंत्री ली कि्वंग की भारत यात्रा से पहले देपसांग घाटी में चीन ने अतिक्रमण किया था जिसके बाद सैन्य और कूटनीतिक तनाव पैदा हो गया था। कई दौर की बातचीत के बाद यह मुद्दा सुलभा था और चीनी सैनिक वापस चले गए थे। पहली बार चीनी सेना ने देपसांग घटना का जिक्र किया है लेकिन उसने अबक यह नहीं बताया कि ली की यात्रा से पहले चीनी सैनिकों ने ऐसा क्यों किया। प्रधानमंत्री बनने के बाद ली की वह पहली भारत यात्रा थी। इस महीने लद्दाख क्षेत्र में कई ऐसी घटनाएं हुईं जिन्हें सौहाद्रपूर्ण तरीके से सुलभा लिया गया।

प्रवक्ता ने कहा, दोनों सरकारें सीमा क्षेत्र में विवादों को हल करने पर अहम सहमति पर पहुंची हैं। उन्होंने सीमा रक्षा सहयोग समझौते का हवाला दिया जिसपर विवादित क्षेत्र में सघन गश्ती के हल के लिए पिछले साल हस्ताक्षर हुए थे। पिछले अक्तूबर में दोनों पक्षों ने इस पर हस्ताक्षर किए जिसमें एक दूसरे के विरूद्ध सैन्य क्षमता का इस्तेमाल नहीं करने और विश्वास बहाली के उपाय प्रस्तावित किए गए थे। दोनों पक्ष बीडीसीए को क्रियान्वित करने का प्रयास कर रहे हैं।

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