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लंदन : कोलकाता में जन्मे ब्रिटिश नागरिक नील मुखर्जी एकमात्र भारतीय लेखक के तौर पर उभरे जिनका नाम इस वर्ष के साहित्यिक ‘मैन बुकर पुरस्कार’ पाने वाले लेखकों की सूची में शामिल है।
लंदन में रहने वाले मुखर्जी का इस पुरस्कार के लिए चयन उनके दूसरे उपन्यास ‘द लाइव्स आफ अदर्स’ के लिए किया गया है जिसका प्रकाशन इस वर्ष मई में हुआ था। यह पुस्तक लेखक के जन्मस्थल कोलकाता पर आधारित है और यह 1960 के दशक में घोष परिवार पर केंद्रित है। आक्सफोर्ड और कैब्रिज विश्वविद्यालयों में पढ़ाई करने गए मुखर्जी कई अखबारों में उपन्यासों की समीक्षा लिखते हैं। उनकी पहला उपन्यास को ‘ए लाइफ अपार्ट’ भारत में पुरस्कार मिला था।
इस पुरस्कार के लिए चुने गए उपन्यासों में ब्रिटेन के छह, अमेरिका के पांच और एक आस्ट्रेलिया तथा एक आयरलैंड का है। पुरस्कार के 46 वर्ष के इतिहास में पहली बार किसी भी नागरिकता वाले लेखक के लिए 50 हजार पाउंड पुरस्कार रखा गया है जो मूल रूप से अंग्रेजी भाषा में लिखा और उसकी रचना ब्रिटेन में प्रकाशित हुई हो।