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वाशिंगटन : व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई मुलाकात से दुनिया के दो लोकतांत्रिक देशों और उनके नेताओं के बीच ‘मजबूत रिश्तों की गहराई’ झलकती है।
मोदी बुधवार को अपना पांच दिवसीय अमेरिका दौरा संपन्न कर अपने देश लौट गए। उन्होंने ‘अमेरिका को धन्यवाद’ कहा तथा अपने दौरे को ‘सफल और संतोषप्रद’ बताया। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने संवाददाताओं को बताया कि इससे अमेरिका और भारत के बीच मजबूत संबंधों की यह गहराई झलकती है और यह भी कि दोनों नेता एक साथ आने और विभिन्न विषयों पर चर्चा करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि इन विषयों में से प्रत्येक दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण सहयोग को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि ओबामा निश्चित तौर पर उपलब्ध अवसरों को महत्व देते हैं।
अर्नेस्ट ने कहा कि यह पहला अवसर था कि जब दोनों हस्तियों ने सीधे तौर पर एक दूसरे से बातचीत की। अर्नेस्ट ने कहा कि मैं जानता हूं कि अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा को प्रधानमंत्री मोदी के साथ मार्टिन लूथर किंग जूनियर के स्मारक जाना अच्छा लगा। मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि जैसे जैसे हमारे देशों के बीच संबंधों में प्रगति होगी, वैसे वैसे सहयोग के क्षेत्रों का दायरा बढ़ेगा। दोनों देशों के बीच हुए समझौतों की श्रृंखला, उन व्यापक क्षेत्रों का संकेत देती है जहां अमेरिका और भारत के बीच मजबूत, सहयोगात्मक साझेदारी है।
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से ओबामा हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों के इस पहलू को महत्व देते हैं। उन्होंने कहा कि मेरा यह भी मानना है कि भारत के लोगों ने कुछ महत्वपूर्ण छवियां देखीं। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री को ओवल ऑफिस में साथ साथ बैठे तथा हमारे दोनों देशों के बीच साझा हितों एवं प्राथमिकताओं पर चर्चा करते देखा। अर्नेस्ट ने बताया कि भारत के लोगों ने यह भी देखा कि राष्ट्रपति ओबामा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मार्टिन लूथर किंग जूनियर के स्मारक पर गए। मेरा मानना है कि इसने दोनों देशों और हमारे दोनों लोकतंत्रों के बीच साझा मूल्यों का काफी हद तक स्पष्ट संकेत दिया। साथ ही इससे हमारे दोनों लोकतंत्रों की सफलता के लिए साझा प्रतिबद्धता का भी पता चलता है।