पाक सेना और आईएसआई नवाज को कमजोर करने के लिए भारत को बना रही है निशाना : अमेरिकी विश्लेषक

पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना और आईएसआई भारत को धमकाने और अपने प्रधानमंत्री को कमजोर करने की खातिर आतंकवादी खतरे के डर का इस्तेमाल कर रही है ताकि अपने असैन्य नेताओं के खिलाफ घरेलू फायदा सुनिश्चित कर सके। यह बात सीआईए के एक पूर्व विश्लेषक ने कही है।

पाक सेना और आईएसआई नवाज को कमजोर करने के लिए भारत को बना रही है निशाना : अमेरिकी विश्लेषक

वाशिंगटन : पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना और आईएसआई भारत को धमकाने और अपने प्रधानमंत्री को कमजोर करने की खातिर आतंकवादी खतरे के डर का इस्तेमाल कर रही है ताकि अपने असैन्य नेताओं के खिलाफ घरेलू फायदा सुनिश्चित कर सके। यह बात सीआईए के एक पूर्व विश्लेषक ने कही है।

रीडेल ने कहा, ‘पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस डायरेक्टरेट भारत को धमकाने और नवाज शरीफ को कमजोर करने के लिए आतंकवादी खतरे के डर का इस्तेमाल कर रही है।’ उन्होंने ‘डेली बीस्ट’ में लिखा, ‘बुधवार को हालात को और जटिल बनाने के लिए अल-कायदा ने अपने नेता अयमान अल जवाहिरी का एक नया वीडियो टेप जारी किया जिसमें भारत में अल-कायदा की एक शाखा का गठन करने की घोषणा की गई।’
भारत में अलकायदा की नयी शाखा के गठन को लेकर बढ़ती चिंता के बीच रीडेल ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अलकायदा नेता अयमान अल जवाहिरी ने पाकिस्तान में अपने ठिकाने में नया टेप बनाया है। रीडेल ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि जवाहिरी ने पाकिस्तान में अपने ठिकाने में टेप बनाया और अनेक भारतीयों को संदेह है कि आईएसआई उसकी मदद कर रही है। जवाहिरी का लंबे समय से लश्कर-ए-तय्यबा और हाफिज सईद से संबंध रहा है।’

रीडेल ने कहा कि भारी शस्त्रों से लैस आतंकवादियों के एक दस्ते ने हेरात, अफगानिस्तान में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला किया। यह हमला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण से ठीक पहले किया गया था। उन्होंने कहा, ‘हेरात अभियान के लक्ष्यों में से एक था कि शरीफ को बदनाम किया जाए, जिनका आईएसआई या पाकिस्तानी सेना पर कोई नियंत्रण नहीं है।’

उन्होंने कहा, ‘चूंकि शरीफ खुद पिछले साल अपार बहुमत से निर्वाचित हुए हैं इसलिए सेना शरीफ से नाखुश है। वे इस बात से बेहद नाखुश हैं कि वह पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह के लिए मुकदमा चला रहे हैं और उन्हें शांतिपूर्वक देश छोड़ने की अनुमति नहीं दी।’

शरीफ भारत-पाकिस्तान के बीच प्रतिद्वंद्विता को कम करने और शस्त्रों की प्रतिस्पर्धा को कम करने की वकालत करते रहे हैं। उनके इस रख को सेना के कट्टपंथी अशुभ मान रहे हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने हेरात हमले के लिए सार्वजनिक तौर पर लश्कर-ए-तय्यबा पर दोषारोपण किया। लश्कर-ए-तय्यबा ने ही मुंबई पर 2008 में हमला किया था।

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