मालदीव में होनेवाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता बरकरार
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मालदीव में होनेवाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता बरकरार

मालदीव के उच्चतम न्यायालय के आदेश के आधार पर देश में शनिवार को राष्ट्रपति पद के लिए दोबारा मतदान होना तय हुआ था लेकिन चुनाव आयोग ने शुक्रवार को चेतावनी दी है कि एकबार फिर देश में चुनाव कराने की सभी कोशिशें बेकार हो सकती है ।

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माले: मालदीव के उच्चतम न्यायालय के आदेश के आधार पर देश में शनिवार को राष्ट्रपति पद के लिए दोबारा मतदान होना तय हुआ था लेकिन चुनाव आयोग ने शुक्रवार को चेतावनी दी है कि एकबार फिर देश में चुनाव कराने की सभी कोशिशें बेकार हो सकती है ।

दोबारा चुनाव के दौरान उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार दोनों दलों को मतदाता रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर उसे स्वीकार करना है लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है ।
प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव्स (पीपीएम) के उम्मीदवार अब्दुल्ला यामनी और जम्हूरी पार्टी के प्रत्याशी गासिम इब्राहीम ने अंतिम मतदाता सूची में फिंगरप्रिंट का सत्यापन करने की मांग की है । दूसरी ओर पुलिस ने कहा है कि वह मतदाना सूची पर प्रत्याशियों के हस्ताक्षर के बगैर चुनाव में सहयोग नहीं करेगी ।
‘मिनिवन न्यूज’ की खबर के अनुसार, अपनी मांग के साथ दोनों ने देर रात को चुनाव आयोग को पत्र सौंपे हैं । इसके बाद दोनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है ।
इस गतिरोध के बीच लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए देश के पहले राष्ट्रपति और मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता मोहम्मद नशीद ने अपने प्रतिद्वंद्वियों से चुनाव से नहीं ‘छुपने’ की अपील करते हुए कहा है ‘मालदीव के लोग मतदान के लिए तरस रहे हैं ।’ चुनाव आयोग का कहना है कि वह तय कार्यक्रम के अनुसार चुनाव तभी करा सकेगा जब राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार मतदान के दिन सुबह साढ़े सात बजे तक मतदाता सूची पर हस्ताक्षर कर दें ।
चुनाव आयोग के अध्यक्ष फवाद तौफिक ने कहा कि उनके हस्ताक्षर के बगैर मालदीव पुलिस सेवा हमारा सहयोग करने को तैयार नहीं है । वे चुनाव कराने के लिए सुरक्षा नहीं देंगे और यदि हम चुनाव कराते भी हैं तो उच्चतम न्यायालय इसे अमान्य घोषित कर देगा ।
मालदीव चुनाव पैनल के उपाध्यक्ष अहमद फयाज ने कहा कि हम उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार चुनाव कराने का सर्वोत्तम प्रयास कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि लेकिन पिछले 11 दिन के कठिन परिश्रम के बाद अब पूरी प्रक्रिया ठहर गई सी लगती है।
उच्चतम न्यायालय ने सात सितंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव के पहले चरण को खारिज करते हुए नए सिरे से चुनाव कराने के आदेश दिए हैं । न्यायालय ने चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे प्रत्याशी ग्रासिम इब्राहीम द्वारा मतदान में धांधली का आरोप लगाते हुए दायर की गई याचिका के आधार पर यह आदेश दिया । चुनाव आयोग के महासचिव आसिम अब्दुल सत्तार ने संवाददाताओं से कहा कि आयोग सुबह चार बजे से ही प्रत्याशियों या उनके प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर और फ्रिंगरपिंट्र लेने की कोशिश में जुटा हुआ है ।
आयोग ने जम्हूरी पार्टी के प्रतिनिधियों उमर नासीर और हसन शाह और पीपीएम नेता अहमद इल्हाम को फोन किया है, संदेश भेजा है और उनके घरों पर अधिकारी भेजे लेकिन कहीं से कोई उत्तर नहीं मिला ।
सत्तार ने कहा कि सिर्फ पूर्व राष्ट्रपति और मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता मोहम्मद नशीद ने ही मतदाता सूची को सत्यापित किया है । उल्लेखनीय है कि सात सितंबर को हुए पहले चरण के चुनाव में नशीद को सबसे ज्यादा मत मिले थे ।
निवर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद वाहिद हसन ने चुनाव में महज पांच प्रतिशत मत मिलने के बाद दोबारा-चुनाव में हिस्सा लेने से मना करते हुए सत्ता के सामान्य और शांतिपूर्ण हस्तांतरण का वादा किया है । पीपीएम ने कहा है कि जबतक उसे मतदाता सूची के पूरी तरह त्रुटिरहित होने का विश्वास नहीं हो जाता वह उसपर हस्ताक्षर नहीं करेगा ।
चुनाव पर प्रश्न उठाते हुए पीपीएम के सहायक नेता और सांसद अब्दुला अब्दुल रहीम ने कहा कि हम चुनाव आयोग द्वारा दिए गए कागज के बंडल पर तब तक हस्ताक्षर नहीं कर सकते जब तक हम देख न लें कि उनमें क्या है । (एजेंसी)

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