सरकारी खर्च पर भारत क्यों भेजे गए अमेरिकी मसखरे?
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सरकारी खर्च पर भारत क्यों भेजे गए अमेरिकी मसखरे?

एक रिपब्लिकन सीनेटर रैन पॉल ने कल सीनेट की विदेश संबंध समिति की सुनवाई के दौरान विदेश मंत्री जॉन कैरी से पूछा कि करदाताओं के पैसे पर मसखरों को भारत क्यों भेजा जा रहा है? वो भी ऐसे समय में जब अमेरिका को आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

वाशिंगटन : एक रिपब्लिकन सीनेटर रैन पॉल ने कल सीनेट की विदेश संबंध समिति की सुनवाई के दौरान विदेश मंत्री जॉन कैरी से पूछा कि करदाताओं के पैसे पर मसखरों को भारत क्यों भेजा जा रहा है? वो भी ऐसे समय में जब अमेरिका को आर्थिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
पॉल ने जब यह सवाल उठाए उस समय समिति 2015 में विदेश नीति की प्राथमिकताओं के विषय पर चर्चा कर रही थी। उन्होंने कहा कि बेनग़ाज़ी हमले से पहले लगातार छह महीने वैसे ही बहुत पैसा बहा है। उसके बाद इस तरह के खर्चों के बारे में कोई भी अमेरिकी नागरिक सवाल उठाएगा ही। मेरे अनुसार ये विदेश विभाग के जरूरी खर्च नहीं है।
पॉल ने कहा कि जहां हजारों डॉलर अमेरिकी मसखरों को भारत में ‘मेक चाय नॉट वॉर’ भ्रमण पर भेजने में खर्च किए गए। वहीं कई हजार डॉलर विएना में राजदूत के कहने पर एक विद्युत चार्जिंग स्टेशन के निर्माण पर व्यय कर दिए गए ताकि राजदूत दूतावास को हरित बना सके। उन्होंने कहा कि फेसबुक पर प्रचार के लिए जहां 650,000 डॉलर खर्च हुए तो वहीं 50 लाख डॉलर दूतावासों में केवल क्रिस्टल वाइन ग्लास, क्रिस्टल कांच के बर्तन और बार के बर्तनों पर विदेश विभाग द्वारा खर्च किए गए। 700,000 अमेरिकी डॉलर ब्रूसेल्स में दूतावास को सिर्फ हरा-भरा बनाने के लिए बहा दिए गए। (एजेंसी)

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