ज़ी मीडिया ब्यूरो
इस्लामाबाद : पाकिस्तान तालिबान ने दोहराया है कि वह लड़कियों के बीच शिक्षा की जागरूकता पैदा करने वाली मलाला यूसुफजई को जान से मारने का इरादा रखता है। आतंकवादी संगठन ने एक साल पहले मलाला पर जानलेवा हमला किया था लेकिन वह बच गई थी। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि आतंकवादी गुट मलाला को मारने का इरादा रखता है।
समाचार चैनल ‘एबीसी’ से बातचीत में पाकिस्तान तालिबान के प्रवक्ता शहीदुल्लाह शाहीद ने कहा कि मलाला पर हमला उसके शिक्षा अभियान के लिए नहीं हुआ था बल्कि मलाला को निशाना उसके इस्लाम पर हमले के लिए किया गया था।
प्रवक्ता ने कहा, ‘पाकिस्तान में लड़कियों के बीच शिक्षा की जागरूकता फैलाने के लिए मलाला पर हमला नहीं हुआ था। इस्लाम का मजाक उड़ाने पर हमने मलाला पर हमला किया। उस पर हमला करने के लिए यह काफी था। मलाला के मिलने पर हम निश्चित रूप से उसकी हत्या करने की कोशिश करेंगे और उसकी मौत पर हमें गर्व महसूस होगा।’
तालिबान की यह धमकी ऐसे समय आई है जब मलाला की आत्मकथा ‘आई एम मलाला : द गर्ल हू स्टूड अप फॉर एजुकेशन एंड वाज शॉट बाइ द तालिबन’ मंगलवार को प्रकाशित होने वाली है।
मलाला ने अपनी इस आत्मकथा में अपने ऊपर नौ अक्टूबर 2012 को हुए जानलेवा हमले के बाद अपनी भावनाओं एवं विचारों को व्यक्त किया है। इस दिन स्कूल से लौटते वक्त पाकिस्तान तालिबान ने मलाला को गोलियां मारी थी। मलाला का इलाज काफी दिनों तक ब्रिटेन में चला जिसके बाद वह स्वस्थ हुई। मलाला को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है।
मलाला अपने परिवार के साथ बृमिंघम में रहती है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय 18 अक्टूबर को मलाला से मिलने वाली हैं।
मलाला यूसुफजई
तालिबान बना मलाला की जान का दुश्मन
पाकिस्तान तालिबान ने दोहराया है कि वह लड़कियों के बीच शिक्षा की जागरूकता पैदा करने वाली मलाला यूसुफजई को जान से मारने का इरादा रखता है। आतंकवादी संगठन ने एक साल पहले मलाला पर जानलेवा हमला किया था लेकिन वह बच गई थी। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि आतंकवादी गुट मलाला को मारने का इरादा रखता है।
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