'चुनाव खर्च को ‘लोकतंत्र उपकर’ लगे'
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'चुनाव खर्च को ‘लोकतंत्र उपकर’ लगे'

उद्योग मंडल सीआईआई ने राजनीतिक दलों को वैध बनाने का सुझाव देते हुए कहा है कि सभी आयकरदाताओं पर (कंपनियों सहित) 0.2 प्रतिशत का लोकतंत्र उपकर लगाया जाए।

नई दिल्ली : उद्योग मंडल सीआईआई ने राजनीतिक दलों को वैध बनाने का सुझाव देते हुए कहा है कि सभी आयकरदाताओं पर (कंपनियों सहित) 0.2 प्रतिशत का लोकतंत्र उपकर लगाया जाए, जिससे राजनीतिक गतिविधियों और देश में चुनाव खर्च का वित्तपोषण किया जा सके।

 

उद्योग मंडल का सुझाव है कि कर दाताओं को कर राशि सीधे अपने पसंद की पार्टियों के खाते में भेजने की छूट हो। चुनाव सुधार पर सीआईआई के कार्यबल ने मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी को अपनी रिपोर्ट सौंपी। कार्यबल ने सुझाव दिया है कि करदाता सीधे उपकर की राशि का चेक अपनी पसंद के राजनीतिक दल या फिर चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त दल के खाते में डाल सकें।

 

कार्यबल की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘आयकरदाता को खुद यह फैसला करने दिया जाए कि वह किस राजनीतिक दल का समर्थन करना चाहता है। एक या एक अधिक पार्टियों को यह राशि देने का फैसला आयकरदाता पर छोड़ दिया जाना चाहिए।’ सिफारिश में कहा गया है कि यदि करदाता व्यक्ति या कंपनी द्वारा सीधे राजनीतिक दलों को किया गया भुगतान इस उपकर से कम हो तो शेष राशि सरकार के खाते में जमा की जानी चाहिए। सीआईआई ने इस प्रकार के उपकर के भुगतान के लिए करदाता को उसके कुल कर दायित्व में छूट देने का भी सझाव दिया है। (एजेंसी)

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