टाटा समूह को आज अलविदा कहेंगे रतन, मिस्त्री को कमान

टाटा समूह को एक पारंपरिक औद्योगिक घराने से 100 अरब डालर के आधुनिक वैश्विक उद्योग समूह में तब्दील करने वाले समूह के चेयरमैन रतन टाटा शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

मुंबई : टाटा समूह को एक पारंपरिक औद्योगिक घराने से 100 अरब डालर के आधुनिक वैश्विक उद्योग समूह में तब्दील करने वाले समूह के चेयरमैन रतन टाटा शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। टाटा शुक्रवार को 75 वर्ष की आयु पूरी कर समूह की बागडोर 44 वर्षीय साइरस मिस्त्री को सौंपेंगे। मिस्त्री को पिछले साल टाटा का उत्तराधिकारी चुना गया था। इस महीने की शुरुआत में उन्हें औपचारिक तौर पर समूह का चेयरमैन नियुक्त किया गया।
रतन टाटा ने जेआरडी टाटा से समूह की कमान लेने के बाद बतौर चेयरमैन 21 वर्ष तक समूह को नेतृत्व प्रदान किया। वहीं टाटा संस में 18 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाले शपूरजी पलोनजी परिवार के सदस्य मिस्त्री का चयन पांच सदस्यीय चयन समिति द्वारा किया गया। टाटा के कार्यकाल में समूह का राजस्व कई गुना बढ़कर 2011.12 में कुल 100.09 अरब डालर :करीब 4,75,721 करोड़ रुपये: पहुंच गया जो 1971 में महज 10,000 करोड़ रुपये था।
टाटा समूह को एक बहुराष्ट्रीय उद्योग समूह में तब्दील करने की दूरदृष्टि के तहत रतन टाटा के नेतृत्व में समूह ने विदेश में कई कंपनियों के अधिग्रहण किए। इसमें 2000 में ब्रितानवी ब्रांड टेटली का 45 करोड़ डालर में अधिग्रहण शामिल है। रतन टाटा ने वैश्विक अधिग्रहण के मामले में भारतीय उद्योग जगत में नए मानक स्थापित किए। टाटा स्टील ने 2007 में ब्राजील की सीएसएन को शिकस्त देते हुए कोरस का 6.2 अरब पौंड में अधिग्रहण किया। इस अधिग्रहण के एक साल बाद ही समूह की वाहन कंपनी टाटा मोटर्स ने 2.3 अरब डालर में जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण किया।
टाटा ने आम लोगों की कार के सपने को साकार करने के लिए लखटकिया कार नैनो पेश की। हालांकि, इस सपने को पूरा करने के लिए कंपनी को पश्चिम बंगाल के सिंगूर में भूमि अधिग्रहण की समस्याओं से दो.चार होना पड़ा। अंतत: समूह ने परियोजना को सिंगूर से गुजरात के साणंद ले जाने का निर्णय किया। रतन टाटा के नेतृत्व में समूह ने 90 के दशक में आईटी क्षेत्र में कदम रखा और आज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है।
टाटा ने समूह के साथ अपने लंबे सफर को सीखने वाला सफर बताया और साथ ही कहा कि समय समय पर हमें निराशाओं का भी सामना करना पड़ा.. फिर भी मैंने मूल्यों एवं नैतिक मानकों को बनाए रखने की कोशिश की।’’ उनका कहना है कि मैं इस बात को लेकर संतुष्ट हूं कि जो भी मैंने सही समझा उसे करने का पूरा प्रयास किया। सेवानिवृत्ति के बाद की योजना के बारे में टाटा ने कहा है कि वह प्रौद्योगिकी पर जोकि उनका जुनून है, समय गुजारेंगे। वह अपना पियानो से धूल साफ कर उसके फिर से बजाने लायक बनाएंगे और विमान उड़ाने का शौक पूरा करेंगे। साथ ही वह परोपकारी गतिविधियों पर ध्यान देंगे। (एजेंसी)

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