IPL-6 : मुंबई इंडियंस बना चैंपियन, चेन्नई सुपर किंग्स को 23 रन से हराया
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IPL-6 : मुंबई इंडियंस बना चैंपियन, चेन्नई सुपर किंग्स को 23 रन से हराया

फाइनल की जंग में चेन्नई सुपर किंग्स को 23 से हराकर मुंबई इंडियंस आईपीएल-6 की चैंपियन बन गई। चेन्नई सुपर किंग्स 20 ओवर में 9 विकेट खोकर सिर्फ 125 रन ही बना पाई।

ज़ी मीडिया ब्यूरो
कोलकाता : फाइनल की जंग में चेन्नई सुपर किंग्स को 23 से हराकर मुंबई इंडियंस आईपीएल-6 की चैंपियन बन गई। मुंबई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में 9 विकेट खोकर 148 रन बनाए। इस लक्ष्य का पीछा करने उतरी चेन्नई सुपर किंग्स 20 ओवर में 9 विकेट खोकर सिर्फ 125 रन ही बना पाई। खिताबी जीत के साथ मुंबई ने 2010 के फाइनल में मिली हार का बदला चुका लिया। चेन्नई के पास तीसरी बार चैंपियन बनने का मौका था लेकिन वह इस मौके को नहीं भुना पाई। चेन्नई लगातार चार और ओवरऑल पांच बार फाइनल में पहुंची थी।
ईडन गार्डंस मुंबई के लिए भाग्यशाली मैदान रहा। उसने छह में से पांच मैच अपने नाम किए है। शानदार बल्लेबाजी और गेंदबाजी के चलते मुंबई ने उसका यह सपना पूरा नहीं होने दिया।
मुंबई को आठवीं सफलता हरभजन सिंह ने तब दिलाई जब क्रिस मॉरिस बिना खाता खोले पवैलियन लौटे। इससे पहले प्रज्ञान ओझा ने एल्बी मोकर्ल को क्लीन बोल्ड कर दिया। मोकर्ल ने 10 गेंद में एक छक्के की मदद से 10 रन बनाए। मुंबई को छठी सफलता तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन ने दिलाई। जॉनसन ने चेन्नई के सलामी बल्लेबाज मुरली विजय को मोहित शर्मा के हाथों कैच करवाया। मुरली ने 20 गेंद में दो चौके की मदद से 18 रन बनाए। चेन्नई को पांचवा झटका रवीन्द्र जडेजा के रूप में लगा। मुंबई के गेंदबाज हरभजन सिंह ने जडेजा को पोलार्ड के हाथों कैच करवाया। जडेजा खाता भी नहीं खोल पाए।
मुंबई को चौथी सफलता ऋषि धवन ने दिलाई। उन्होंने ड्वेन ब्रावो के मिशेल जॉनसन के हाथों कैच करवाया। ब्रावो ने 16 गेंदों में 3 चौकों की मदद से 15 रन बनाए। चेन्नई को तीसरा झटका मुंबई के तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन ने दिया। उन्होंने बद्रीनाथ को विकेट कीपर दिनेश कार्तिक के हाथों कैच करवाया। बद्रीनाथ खाता भी नहीं खोल पाए। उस वक्त चेन्नई का स्कोर सिर्फ 5 रन था।
पहले ओवर में चेन्नई के दो विकेट गिर गए। दोनों विकेट मलिंगा ने लिए। पहले ओवर की चौथी गेंद पर मलिंगा ने चेन्नई के सलामी बल्लेबाज माइक हसी को क्लीन बोल्ड कर पवैलियन की राह दिखाई। अगली ही गेंद पर सुरेश रैना को ड्वेन स्मिथ के हाथों कैच करवाकर चेन्नई को दूसरा झटका दिया। हसी सिर्फ एक रन ही बना पाए जबकि रैना खाता भी नहीं खोल पाए।
इससे पहले दूसरी बार फाइनल में पहुंची मुम्बई की टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबजी करते हुए खराब शुरुआत के बाद सम्भलते हुए निर्धारित 20 ओवरों में नौ विकेट पर 148 रन बनाए। पोलार्ड (60) के अलावा अंबाती रायडू ने 37 रनों का योगदान दिया। सुपर किग्स की ओर से ड्वेन ब्रावो ने चार विकेट हासिल किए जबकि एल्बी मोर्कल को दो विकेट मिले। मोहित शर्मा और क्रिस मौरिस को एक-एक सफलता मिली।
मुम्बई की शुरुआत बेहद खराब रही। उसने 16 रन के कुल योग पर ड्वेन स्मिथ (4), आदित्य तारे (0) और कप्तान रोहित शर्मा (2) के विकेट गंवा दिए थे लेकिन इसके बाद दिनेश कार्तिक (21) ने रायडू के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 36 रन जोड़कर स्थिति को सम्भालने का प्रयास किया।
यह जोड़ी अच्छी करती दिख रही थी लेकिन इसी बीच मौरिस ने कार्तिक को 56 के कुल योग पर आउट करके मुम्बई को करारा झटका दिया। कार्तिक ने 26 गेंदों पर तीन चौके लगाए।
कार्तिक का विकेट गिरने के बाद रायडू का साथ देने पोलार्ड विकेट पर आए। इन दोनों ने तेजी से बल्लेबाजी शुरू की और 34 गेंदों पर 48 रन बटोर डाले लेकिन 100 के कुल योग पर ड्वेन ब्रावो ने रायडू को आउट करके मुम्बई को पांचवां झटका दिया।
रायडू ने अपनी 36 गेंदों की उम्दा पारी में चार चौके लगाए। रायडू का स्थान लेने आए हरभजन सिंह (14) ने भी पोलार्ड का अच्छा साथ दिया। दोनों ने 16 गेंदों पर 25 रन जोड़े। हरभजन आठ गेंदों पर तीन चौके लगाने के बाद ब्रावो की गेंद पर माइकल हसी के हाथों कैच हुए। उस समय कुल योग 125 रन था। ऋषि धवन (3) का विकेट 133, मिशेल जानसन (1) का विकेट 135 और लसिथ मलिंगा (0) का भी 135 रन के कुल योग पर गिरा। धवन रन आउट हुए। जानसन और मलिंगा को ब्रावो ने विकेट के पीछे कप्तान धौनी के हाथों कैच कराया।
पोलार्ड ने ब्रावो द्वारा फेंके गए पारी के अंतिम ओवर के अंत की दो गेंदों पर छक्का लगाकर न सिर्फ अपना अर्धशतक पूरा किया बल्कि उन्होंने अपनी टीम को एक सम्मानजनक योग भी गिया। पोलार्ड ने अपनी 32 गेंदों की नाबाद पारी में सात चौके और तीन छक्के लगाए।
मुंबई की ओर से सचिन तेंदुलकर नहीं खेल रहे हैं। चेन्नई के पास तीसरी बार चैंपियन बनने का मौका है। चेन्नई लगातार चार और ओवरऑल पांच बार फाइनल में पहुंच चुकी है,लेकिन मुंबई के लिए खिताब जीतने और 2010 के फाइनल में मिली हार का बदला चुकता करने का यह सर्वश्रेष्ठ मौका है। ईडन गार्डंस मुंबई के लिए भाग्यशाली मैदान रहा है, जिसमें उसने छह में से पांच मैच अपने नाम किए हैं।

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