लंदन : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन पाकिस्तान और अफगानिस्तान के नेताओं के साथ 2014 में विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद की स्थिति पर आज वार्ता करेंगे, जिसमें शांति प्रक्रिया को जारी रखने और तालिबानी बगावत को रोकने के उपायों पर विचार किया जाएगा। इस त्रिपक्षीय शिखर बैठक का मकसद अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सहयोग में सुधार करना तथा क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देना है।
कैमरन, अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई और पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बीच हो रही इस वार्ता का पूरा ध्यान सीमापार सुरक्षा और विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान को रोकने पर होगा। माना जा रहा है कि तीनों इस बात पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे कि अफगान नीत शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय कितना सहयोग दे सकते हैं।
बीती शाम ब्रिटिश प्रधानमंत्री अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई और पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के लिए इंग्लैंड के बकिंघमशायर में रात्रिभोज दिया। वार्ता के आरंभ होने से पहले तीनों नेताओं ने प्रधानमंत्री आवास पर नाश्ता किया और फिर साथ खड़े होकर फोटो खिंचवाए।
कैमरन के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की है कि इस वार्ता में विदेश मंत्री, सेना प्रमुख, खुफिया एजेंसी प्रमुख और अफगान शीर्ष शांति परिषद के प्रमुख शामिल हैं। बातचीत के बाद साझा बयान जारी होने की भी उम्मीद की जा रही है। नाटो के सैनिक अगले साल के आखिर में अफगानिस्तान छोड़ने वाले हैं। त्रिपक्षीय वार्ता का पहला और दूसरा चरण बीते साल काबुल एवं न्यूयार्क में हुआ था। (एजेंसी)
अफगान-पाक वार्ता
कैमरन अफगान-पाक नेताओं से करेंगे बातचीत
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन पाकिस्तान और अफगानिस्तान के नेताओं के साथ 2014 में विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद की स्थिति पर आज वार्ता करेंगे, जिसमें शांति प्रक्रिया को जारी रखने और तालिबानी बगावत को रोकने के उपायों पर विचार किया जाएगा।
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