मुशर्रफ ने माना, ड्रोन हमलों को दी थी मंजूरी
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मुशर्रफ ने माना, ड्रोन हमलों को दी थी मंजूरी

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने स्वीकार किया है कि उनकी सरकार ने गुपचुप तरीके से अमेरिकी ड्रोन हमलों को मंजूरी प्रदान की थी। ऐसा करके मुशर्रफ पाकिस्तान के पहले ऐसे सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी बन गए, जिन्होंने यह स्वीकार किया है कि देश ने सीआईए संचालित गुप्तचर विमानों के संचालत को लेकर एक समझौता किया था।

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने स्वीकार किया है कि उनकी सरकार ने गुपचुप तरीके से अमेरिकी ड्रोन हमलों को मंजूरी प्रदान की थी। ऐसा करके मुशर्रफ पाकिस्तान के पहले ऐसे सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी बन गए, जिन्होंने यह स्वीकार किया है कि देश ने सीआईए संचालित गुप्तचर विमानों के संचालत को लेकर एक समझौता किया था।
मुशर्रफ ने कहा कि विवादास्पद ड्रोन विमान अभियान पर अमेरिका के साथ कोई व्यापक समझौता नहीं हुआ था और उनकी सरकार ने मिसाइल हमलों को ‘केवल कुछ मौकों पर ही मंजूरी दी थी जहां लक्ष्य पूरी तरह से अलग थलग था और (ड्रोन हमले से) वहां कोई बड़ा नुकसान होने की संभावना नहीं थी।’
उन्होंने कहा कि ड्रोन हमलों की ‘सैन्य और गुप्तचर स्तर’ पर चर्चा की गई और इसे तभी मंजूरी दी गई यदि हमारे अपने (विशेष अभियान कार्यबल) लिए और सेना की कार्रवाई के लिए कोई समय था।’ उन्होंने एक चैनल से साक्षात्कार में कहा, ‘ऐसा.संभव है कि दो या तीन बार ही हुआ हो।’ उन्होंने कहा कि कभी कभी ‘आप कार्रवाई विलंबित नहीं कर सकते।’
मुशर्रफ ने कहा, ‘ये उतार चढ़ाव चलता रहता है। वह अनिश्चितता की स्थिति थी, एक शातिर शत्रु पर्वत, दुर्गम क्षेत्र।’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी ड्रोन हमलों में मारे गए व्यक्तियों में एक नेक मोहम्मद भी था जो कि कबायली सरदार था जिस पर कबायली क्षेत्रों में अलकायदा आतंकवादियों को शरण देने के आरोप थे।
उस समय जून 2004 में पाकिस्तान गुप्तचर विभाग ने कहा था कि मोहम्मद तब मारा गया जब पाकिस्तानी सैनिकों ने उस मकान पर मिसाइल दागी जिसमें वह रह रहा था।
पाकिस्तानी नेता लंबे समय से ड्रोन हमलों को मंजूरी देने में देश की संलिप्तता से इनकार करते रहे हैं।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने ड्रोन हमलों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में प्रतिकूल और पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया था। वर्ष 2004 के बाद से ड्रोन हमलों में सैकड़ों लोग मारे गए हैं जिनमें तालिबान एवं अलकायदा के शीर्ष आतंकवादी शामिल हैं।
यद्यपि कुछ राजनीतिक और अधिकार समूहों का कहना है कि ऐसे हमलों में बड़ी संख्या में नागरिक भी मारे गए हैं। समाचार चैनल सीएनएन ने कहा कि मुशर्रफ की स्वीकारोक्ति से यह बात सामने आती है कि उन्होंने और कुछ अन्य ने यदि पूरे कार्यक्रम की देखरेख नहीं की या प्रत्येक हमले को मंजूरी प्रदान नहीं की तो भी कुछ भूमिका जो जरूर निभायी।
वर्ष 2008 में विकीलीक्स द्वारा जारी किये गए राजनयिक केबल के अनुसार तत्कालीन अमेरिकी राजदूत एनी पैटरसन ने पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक और तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी के साथ एक बैठक में ड्रोन विमानों के बारे में एक चर्चा का उल्लेख किया था। (एजेंसी)

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