उद्धव को मिले शिवसेना प्रमुख के अधिकार, नहीं ली उपाधि
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उद्धव को मिले शिवसेना प्रमुख के अधिकार, नहीं ली उपाधि

शिवसेना प्रमुख की उपाधि लेने से इंकार करते हुए पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस पद से उनके दिवंगत पिता बाल ठाकरे को हटाया नहीं जा सकता। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए साक्षात्कार में उद्धव ने कहा ‘दूसरा कोई शिवसेना प्रमुख नहीं होगा।’

मुंबई : शिवसेना प्रमुख की उपाधि लेने से इंकार करते हुए पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस पद से उनके दिवंगत पिता बाल ठाकरे को हटाया नहीं जा सकता। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए साक्षात्कार में उद्धव ने कहा ‘दूसरा कोई शिवसेना प्रमुख नहीं होगा।’
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वह ‘शिवसेना प्रमुख’ की जगह नहीं लेंगे क्योंकि यह जगह हमेशा ही उनके दिवंगत पिता बाल ठाकरे की रहेगी।
उन्होंने कहा कि बाल ठाकरे हमेशा ही ‘शिवसेना प्रमुख और हिन्दूहृदय सम्राट’ रहेंगे। ‘यह उपाधियां सिर्फ उनके ही व्यक्तित्व के लिए सही हैं।’ बाल ठाकरे का 17 नवंबर को निधन हो गया था।
उद्धव ने हालांकि औपचारिक रूप से शिवसेना प्रमुख का पद स्वीकार करने से मना कर दिया लेकिन पार्टी ने निर्णय करने के सभी अधिकार उन्हें सौंप दिए हैं। अब तक ये अधिकार बाल ठाकरे के पास थे।
पार्टी के प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा, ‘शिवसेना नेताओं की कल एक अहम बैठक हुई जिसमें तय किया गया कि बाला साहेब के पास जो अधिकार थे वह उद्धव को दे दिए जाएं।’
उन्होंने कहा कि बालासाहेब का सपना पूरा करने के लिए उद्धव के नेतृत्व में पार्टी एकजुट रहेगी। बैठक ठाकरे परिवार के बांद्रा उपनगर स्थित आवास ‘मातोश्री’ की दूसरी मंजिल पर हुई जहां बाल ठाकरे रहते थे। राउत ने कहा ‘बैठक के दौरान बहुत ही भावनात्मक माहौल था।’
इस बैठक में राउत, लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष मनोहर जोशी, सुधीर जोशी, लीलाधर डाके, सुभाष देसाई, रामदास कदम और गजानन कीर्तीकर भी मौजूद थे।

दिवंगत नेता के स्मारक को लेकर चल रहे विवाद के बारे में पूछे जाने पर उद्धव ने कहा कि वह इससे खुद को जोड़ना नहीं चाहते।‘यह विवाद अवांछित है।’ उन्होंने कहा कि उनके लिए अब भी यह विश्वास करना मुश्किल है कि शिवसेना प्रमुख ठाकरे नहीं रहे।
उन्होंने कहा,‘लेकिन मुझे नए सिरे से शुरुआत करनी है। जब भी मैं अकेला होता हूं तो उनकी इतनी यादें आती हैं कि लगता है जैसे वह आसपास ही हों और मैं उनसे मिलना चाहता हूं। अनगिनत शिवसैनिकों को भी ऐसा ही लगता है।’
उद्धव ने कहा,‘मैं शिवसैनिकों से कहना चाहता हूं कि वह सदमे से उबरें और बाला साहेब द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलने के लिए तैयार हों।’ उद्धव ने कहा कि चार नवंबर को उनकी दूसरी एंजियोप्लास्टी होने के बाद से ही उनके पिता की तबियत बिगड़ने लगी थी।
उन्होंने कहा कि वह शिवसेना प्रमुख के निधन के बाद मिले स्नेह और समर्थन के लिए लोगों का आभार व्यक्त करने के उद्देश्य से राज्य का संक्षिप्त दौरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा ‘मैं हाथ जोड़ कर उनके साथ खड़ा होना चाहता हूं।’ उन्होंने कहा कि अगले साल जनवरी से फरवरी तक वह राज्य का सघन दौरा करेंगे।
शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा ‘शिवसेना महाराष्ट्र में सत्ता में आने का और राज्य को प्रगति की राह पर ले जा कर मजबूत बनाने का बालासाहेब का सपना पूरा करेगी।’उन्होंने कहा कि वह इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अथक परिश्रम करेंगे।
पार्टी की भावी दिशा के बारे में पूछने पर उद्धव ने कहा कि पार्टी बालासाहेब द्वारा दिखाए गए रास्ते पर आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा ‘भूमि पुत्रों के अधिकारों के लिए, मराठी अस्मिता, मुंबई, हिन्दुत्व के लिए और बांग्लादेशी प्रवासियों तथा इस्लामी कट्टरपंथं के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी।’ (एजेंसी)

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