कांग्रेस चुनावों का कर रही है साम्प्रदायीकरण: जेटली
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कांग्रेस चुनावों का कर रही है साम्प्रदायीकरण: जेटली

भाजपा ने आज आरोप लगाया कि शासन के संकट और नेतृत्व की कमी से जूझ रही कांग्रेस इंडियन मुजाहिदीन और इशरत जहां जैसे मामलों को उठा कर आगामी लोकसभा चुनाव का साम्प्रदायीकरण करने का प्रयास कर रही है।

नई दिल्ली : भाजपा ने आज आरोप लगाया कि शासन के संकट और नेतृत्व की कमी से जूझ रही कांग्रेस इंडियन मुजाहिदीन और इशरत जहां जैसे मामलों को उठा कर आगामी लोकसभा चुनाव का साम्प्रदायीकरण करने का प्रयास कर रही है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने कहा, 2014 के चुनावों का साम्प्रदायीकरण करने के अंधाधुंध प्रयास में कांग्रेस राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का भी साम्प्रदायीकरण करने में जुटी है। इस प्रयास में कांग्रेस के प्रवक्ता शकील अहमद ने इंडियन मुजाहिदीन को 2002 के गुजरात के दंगों की उपज बता कर इतिहास के पुनर्लेखन की कोशिश कर डाली।
पार्टी की ओर से जारी जेटली ने अपने लेख में कहा, सरकार और नेतृत्व दोनों को संकट से घिरा देख कर संप्रग की रणनीति चुनाव का एजेंडा बदलने की है। उन्होंने कहा, लेकिन किसी भी कीमत पर ‘भारत की कहानी’ का नाश करने के संप्रग के प्रयास को चुनावी एजेंडा का केन्द्रीय मंच नहीं बनने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इंडियन मुजाहिदीन को गुजरात दंगों की उपज बता कर अहमद ने इतिहास का पुनर्लेखन करने के प्रयास में यह स्थापित करने की कोशिश की है कि यह संगठन उन पीड़ितों का है जो 2002 दंगों का शिकार हुए। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ऐसा करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता इंडियन मुजाहिदीन के अंतरराष्ट्रीय संदर्भ और इसके पीछे की पाकिस्तान की रणनीति को भूल गए।

जेटली ने कहा, कांग्रेस की पारंपरिक चुनावी रणनीति रही है कि जब शासन में असफल साबित हो जाएं तो अपने अंतिम हथियार, यानी कांग्रेस पार्टी के पहले परिवार के करिश्मे की ओट में चले जाएं, लेकिन इस बार लगता है कि वह भी काम नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा, संप्रग का निर्वतमान नेतृत्व अप्रभावी साबित हो चुका है और आने वाला नेतृत्व भी नेतृत्वक्षमता से विहीन माना जा रहा है। भाजपा नेता ने कहा कि संप्रग शासन अपने अस्तित्व के दसवें साल से गुजरते हुए बड़े पैमाने पर शासन विरोधी लहर का सामना कर रहा है और यह प्रत्यक्ष तौर पर उसके नेतृत्व की असफलता है।
आगामी लोकसभा चुनावों का कथित साम्प्रदायीकरण करने के कांग्रेस के प्रयासों को गिनाते हुए जेटली ने कहा कि इंडियन मुजाहिदीन को 2002 दंगों की उपज बताने के साथ मोदी-आलोचना और इशरत जहां मामले में सीबीआई का कथित दुरूपयोग इसमें शामिल हैं। इशरत जहां मुठभेड़ फर्जी थी या नहीं इस बात की तफसील में जाए बिना जेटली ने कहा कि इस विवाद को उठा कर कांग्रेस लश्कर-ए-तैयबा के मॉड्यूल को ‘शहीद’ और भारतीय सुरक्षा एवं खुफिया तंत्र को ‘खलनायक’ दिखाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, यह राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर वोट बैंक की राजनीति को आगे बढ़ाने की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। (एजेंसी)

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