क्राइम फाइल्स : मंदिर में पाप
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क्राइम फाइल्स : मंदिर में पाप

नाबालिग को बालिग बनाते हैं आर्य समाज के दलाल,चंद रुपयों में नाबालिग को बालिग साबित करवाने के दस्तावेज और उन दस्तावेजों के आधार पर नाबालिग लड़की की शादी।

ज़ी मीडिया ब्यूरो
नाबालिग को बालिग बनाते हैं आर्य समाज के दलाल,चंद रुपयों में नाबालिग को बालिग साबित करवाने के दस्तावेज और उन दस्तावेजों के आधार पर नाबालिग लड़की की शादी। दिल्ली के आर्य समाज मंदिरों में नाबालिग लड़कियों की शादी की जा रही है, ऐसी कई शिकायतें ज़ी मीडिया ग्रुप की क्राइम एंड इनवेस्टिगेशन सेल को मिलीं, जिसके बाद सच्चाई जानने के लिए हमारी टीम ने दिल्ली के 3 आर्य समाज मंदिरों में इनवेस्टिगेशन शुरू की। सच जानने में ज्यादा वक्त नहीं लगा।
नाबालिग लड़कियों की शादियां करवाने का दावा करने वाले पी.एन. शास्त्री से क्राइम फाइल्स की टीम मिली। दिल्ली के कड़कड़डूमा मेट्रो स्टेशन के पास बने आर्य समाज मंदिर का संचालन करते हैं पी.एन. शास्त्री। पी.एन. शास्त्री ने शुरुआत में तो नाबालिग लड़की की शादी करवाने से इंकार किया लेकिन थोड़ी बातचीत के बाद उन्होंने इसके तरीके बताने शुरू कर दिए।
अंडरकवर एजेंट- लड़की नाबालिग है, शादी करवानी है?
शास्त्री– हो जाएगी, रजिस्ट्रेशन वगैरह का खर्चा होगा। करीब 5000 रुपये और ऊपर मेडिकल लगा तो और।
अंडरकवर एजेंट- मेडिकल का कितना?
शास्त्री– 3000 रुपये। आप टोटल 13 हजार रुपये का खर्चा मान के चलो पूरी शादी का।
आर्य समाज मंदिर के.पी. एन शास्त्री ने ये भी कुबूल किया कि अगर मेडिकल सर्टिफिकेट में लड़की की उम्र कम भी आती है तो मेडिकल सर्टिफिकेट को पैसे के दम पर बदलावाया भी जा सकता है और इस पूरे काम में डॉक्टर भी शामिल होंगे। साथ ही साथ ये भरोसा भी दिलाया गया कि उनकी कराई गई शादी का सर्टिफिकेट कानूनी तौर पर मान्य होगा।
अंडरकवर एजेंट- शादी का सर्टिफिकेट कैसा होगा ?
शास्त्री- लीगली मान्य होगा मंदिर या कोर्ट में मिलेगा।
अंडरकवर एजेंट- तो शादी कहां होगी और रजिस्टर कैसे होगी ?
शास्त्री- कश्मीरी गेट आईएसबीटी बस अड्डे के पास यहां शादी करवाएंगे और सीधे गाजियाबाद ले जाकर रजिस्टर करवा देंगे।

लेकिन हमारे लिए सिर्फ एक आर्य समाज मंदिर में बात करना ही काफी नहीं था। ज्यादातर आर्य समाज मंदिरों में ऐसे ‘शादीलाल’ मौजूद हैं जो चंद रुपयों के लिए कानून को ताक पर रख नाबालिग लड़कियों की शादी करवाने का धंधा करते हैं।
इसी सिलसिले में क्राइम फाइल्स की टीम ने दिल्ली के नवीकरीम आर्य समाज मंदिर में ऋषि पाल शास्त्री से मुलाकात की तो एक और हैरान कर देने वाली कहानी सामने आई।

रिपोर्टर- लड़का-लड़की तैयार हैं लेकिन लड़की बालिग नहीं है कैसे होगा?
शास्त्री- करवा देंगे। एफिडेविट बनवा देंगे एसडीएम से। आप पिता का नाम, एड्रेस वगैरह दे दो मैं कल बनवा देता हूं फिर 6 महीने तक जब चाहो शादी करा लो। और 2000 रुपए लगेंगे।
हम इतना तो जान चुके थे कि ये सब करवाना इनके बाएं हाथ का खेल है लेकिन हमारे लिए सिर्फ इतना ही काफी नहीं था लिहाजा हमारी कोशिश थी कि वो कुछ और खुलासे भी करें। इसी मकसद से हमने बातचीत जारी रखी।

अंडरकवर एजेंट- सब कानूनी होना चाहिए।
शास्त्री– हमारे पास एसडीएम को उम्र बताने का रिकॉर्ड होगा। वो वैध होता है।
अंडरकवर एजेंट- लेकिन लड़की की उम्र तो कम है?
शास्त्री- अरे अगर 18 का वैध प्रमाणपत्र मिल जाता है तो कोर्ट भी , सुप्रीम कोर्ट भी हमारे मैरिज सर्टिफिकेट को मानता है।

रिषी पाल शास्त्री का दावा सुनकर हम भी हैरान थे। आखिर क्या वजह है कि नाबालिग लड़की की शादी करवाने के लिए जिन दस्तावेज़ों को बनवाने की ये शख्स बात कर रहा है, उनमें ऐसा क्या खास है कि उसे सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती नहीं दी जा सकती। और बातचीत की तो पता चला कि वो किसी साधारण शख्स से नहीं बल्कि मेजिस्ट्रेट से उम्र का सर्टिफिकेट बनवाने की बात कह रहा है।
अंडरकवर एजेंट- मगर उसकी उम्र कम है।
शास्त्री- जो हमने लिख दिया, वो माना जाएगा क्योंकि हम मेजिस्ट्रेट से लिखवा रहे हैं ।
अंडरकवर एजेंट-वो सर्टिफिकेट फेक होगा तो कोई प्रोब्लम तो नहीं होगी ?
शास्त्री- आप निश्चिन्त रहो, मुझपर भरोसा करो, मैं रोज शादियां करवाता हूं।

हमारी तफ्तीश अब भी जारी थी। इस बार हमें एक ऐसे दलाल के बारे में पता चला जो नाबालिग लड़कियों को बालिग बनाने के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल करता था। इन अवैध कागजातों की पड़ताल के लिए हम दिल्ली के यमुना बाजार इलाके में पहुंचे। यहां मौजूद आर्यसमाज मंदिर के ट्रेजरार शिव कुमार शास्त्री ने हमें बताया कि वो सिर्फ आधार कार्ड की स्लिप पर शादी करवा सकता है। इस दलाल ने हमें एक डॉक्टर से भी मिलवाया जिसने पहली बार में लड़की की उम्र 17 साल लिख दी, लेकिन तीन दिन बाद उसी डॉक्टरने हमें खुद एक और सर्टिफिकेट दिया जिसमें लड़की की उम्र 18 साल थी।
हमारी तहकीकात का मकसद लगभग पूरा हो गया था। खुफिया कैमरे में तीनों दलालों की सारी बातचीत कैद हो गई थी। डॉक्टर का बनाया फर्जी एज सर्टिफिकेट भी हमारे हाथ में था और इसी के साथ बेनकाब हो गए थे आर्य समाज मंदिरों के ‘शादीलाल’।
कानून का मजाक बना रहे हैं आर्य समाज मंदिर के दलाल। आर्य समाज मंदिर की स्थापना स्वामी दयानन्द सरस्वती ने की थी और कानून में भी आर्य समाज मंदिर में हुई शादियों को वैध माना जाता है। लेकिन वक्त बीतने के साथ-साथ अब आर्य समाज मंदिरों में शादी करवाने वाले दलालों ने अपना वर्चस्व कायम कर लिया है। ये ऐसे लोग हैं जो चंद रुपयों के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं, फिर चाहे क्यों न नाबालिग लड़की की शादी करवाने का पाप ही क्यों न हो।
आर्य समाज मंदिरों में हुई शादियों का सच क्राइम फाइल्स की टीम ने तफ्तीश की तो पाया की हरियाणा, दिल्ली, यूपी और पंजाब में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां किसी युवक ने पहले नाबालिग लड़की को भगाकर उससे दिल्ली के आर्य समाज मंदिरों में शादी कर ली, लेकिन बाद में जब स्थानीय पुलिस ने मामले की तफ्तीश की तो लड़की की शादी के दस्तावेज़ों को अवैध माना गया। 14 अगस्त को ऐसे ही एक मामले में हरियाणा के भिवानी की अदालत ने एक युवक को सजा सुनाई है।
कौन करेगा `समाज` का सुधार? जिस आर्य समाज की स्थापना का आधार ही देश में फैली बुराइयों को दूर करना हो, उस आर्य समाज मंदिर में फैली बुराईयों का सुधार कौन करेगा? सवाल बड़ा है जिसका जवाब आर्य समाज मंदिर के कार्य संचालकों को भी तलाशना है और पुलिस और कानून को भी।

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