`गांधी के बयान संबंधी जया ने पेश किए साक्ष्‍य`
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`गांधी के बयान संबंधी जया ने पेश किए साक्ष्‍य`

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने देश की आजादी के बाद महात्मा गांधी द्वारा कांग्रेस को भंग करने की इच्छा जताने संबंधी अपनी सरकार के एक मंत्री के बयान को सही साबित करने के लिए आज राज्य विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों के सामने साक्ष्य पेश किया।

चेन्नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने देश की आजादी के बाद महात्मा गांधी द्वारा कांग्रेस को भंग करने की इच्छा जताने संबंधी अपनी सरकार के एक मंत्री के बयान को सही साबित करने के लिए आज राज्य विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों के सामने साक्ष्य पेश किया।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने यह साबित करने के लिए कि महात्मा गांधी स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस पार्टी को भंग करना चाहते थे, मंगलवार को विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों के समक्ष दस्तावेज पेश किए।
उनके मंत्रिमंडल में नगर निगम प्रशासन एवं ग्रामीण विकास मंत्री के.पी मुनुसामी ने कल एक चर्चा के दौरान कहा था कि महात्मा गांधी स्वतंत्रता मिलने के बाद कांग्रेस को भंग कर देना चाहते थे। विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों ने उनसे यह साबित करने की मांग की थी। इसी संदर्भ में जयललिता ने आज ‘दी कलेक्टेड वर्क्‍स ऑफ महात्मा गांधी-वाल्यूम 90’ के कुछ अंश पढ़े।
उन्होंने पढ़ा कि बंटवारे के बावजूद भारत को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से अपनाये तरीकों से राजनैतिक स्वतंत्रता मिल चुकी है, अब कांग्रेस का उसके वर्तमान स्वरूप में (एक प्रोपगेंडा के मंच और संसदीय यंत्र के तौर पर) समय से अधिक वक्त तक इस्तेमाल हो चुका है। कांग्रेस के सदस्यों एस.विजयधरानी और प्रिंस ने कल दावा किया था कि महात्मा गांधी ने कभी इस संदर्भ में कुछ नहीं कहा। लेकिन जयललिता की ओर से आज यह दस्तावेज पेश किए जाने के बाद कांग्रेस के सदस्य निरुत्तर हो गए।

स्वतंत्रता के बाद महात्मा गांधी द्वारा कांग्रेस को भंग करने की वकालत करने संबंधी तर्क पर सबूत मांगने वाले कुछ कांग्रेस विधायकों की मांग के जवाब में जयललिता ने उन्हें ‘द कलेक्टिड वर्क्‍स ऑफ महात्मा गांधी.वॉल्यूम 90’ के अंश पढ़कर हैरान कर दिया। मुख्यमंत्री ने इस पुस्तक के अंश पढ़ते हुए कहा कि भले ही दो भागों में विभाजन हो गया हो लेकिन भारत ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रयत्नों के चलते राजनीतिक स्वतंत्रता हासिल की है। यही मौजूदा स्वरूप में कांग्रेस है जो प्रोपगैंडा का माध्यम बन गयी है और संसदीय प्रणाली में इसे काफी अधिक समय हो गया है। (एजेंसी)

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