नीतीश कर रहे हैं मनहूस राजनीति : बाल ठाकरे
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नीतीश कर रहे हैं मनहूस राजनीति : बाल ठाकरे

बाल ठाकरे ने नीतीश कुमार से सवाल पूछा है कि वह नरेंद्र मोदी को बिहार क्यों नहीं आने देते? ठाकरे ने कहा है कि मुस्लिम वोटों के चलते नीतीश ने नरेंद्र मोदी से दूरी बना ली है और यह मनहूस राजनीति है।

ज़ी न्यूज़ ब्यूरो
मुंबई : शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे कहना है कि मुंबई के आजाद मैदान का दंगा धर्मांध मुसलमानों ने रचा था और ऐसे लोगों को मैं छोडने वाला नहीं हूं। उन्होंने नीतीश से सवाल पूछा है कि वह नरेंद्र मोदी को बिहार क्यों नहीं आने देते? ठाकरे ने कहा है कि मुस्लिम वोटों के चलते नीतीश ने नरेंद्र मोदी से दूरी बना ली है और यह मनहूस राजनीति है।
`दोपहर का सामना` में छपे बाल ठाकरे के इंटरव्यू के दूसरे भाग में बाल ठाकरे ने मुसलमानों के खिलाफ खूब आग उगली है। उन्होंने कहा है कि मुंबई के आजाद मैदान का दंगा पूर्व नियोजित था। ठाकरे ने कहा कि 1992 में बाबरी मस्जिद गिरने के बाद पहली बार धर्मांध मुसलमान हिंसक होकर सड़कों पर उतरा। उन्होंने पूछा है कि बाबरी मस्जिद जब उत्तर प्रदेश के आयोध्या में गिरी, तो दंगा मुंबई में क्यों हुआ। गोधरा कांड को कोई कैसे भूल सकता है जब साबरमती एक्सप्रेस के तीन डिब्बों को सुनयोजित तरीके से जला दिया गया था। अगर अयोध्या में कुछ होता है और उसकी प्रतिक्रिया मुंबई में होती है, तो गोधरा में जो कुछ हुआ और उसकी प्रतिक्रिया अहमदाबाद में होती है तो उस पर बवाल क्यों मचता है। इस सवाल पर कि पाकिस्तान में आपके नाम का खौफ है? इस पर ठाकरे ने कहा, हां है। क्योंकि मैं उन्हें छोड़ने वाला नहीं हूं। मैं एक बार गुस्से में आ गया तो एक भी धर्मांध, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमान को तो कम से कम महाराष्ट्र में तो नहीं रहने दूंगा।
शिवसेना प्रमुख ने कहा कि मेरे हाथ में सेना को दे दो तो मैं देश में रहने वाले पाकिस्तान समर्थक सभी मुसलमानों को एक महीने में सीधा कर दूंगा। उन्होंने कहा कि देश में ढोल पीटने की नई राजनीति भी चल रही है, जिसे लालू ने जन्म दिया है। बिहारी ठहराए जाने की राजनीति के सवाल पर ठाकरे ने कहा कि यह हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि अब देखना है हमें अमेरिकी कौन ठहराता है। ठाकरे के पूर्वज अमेरिका से कब भारत आए थे, अब यह देखना है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2014 से पहले ही हो जाएंगे। राष्ट्रपति चुनाव में हमने कांग्रेस का समर्थन इसलिए किया कि एपीजे अब्दुल कलाम को समर्थन करना हमें उचित नहीं लगा। मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति पर हमला करते हुए ठाकरे ने कहा कि मुलायम सिंह मुल्ला है और बिहार में नीतीश कुमार का अपना हिसाब किताब है। उन्होंने कहा कि बिहार में मुसलमानों ने नीतीश को वोट किया, जिससे वह सत्ता में आए। बिहार में मिलीजुली सरकार होने की वजह से भाजपा के कदम भी ठिठक गए हैं और वह मुस्लिमों के खिलाफ कोई मुद्दा जोर-शोर से नहीं उठाती है।

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