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ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : देश की आजादी के लिए सूली पर चढ़ने वाले भगत सिंह को सरकारी दस्तावेजों में ‘शहीद’ का दर्जा प्राप्त नहीं है। यह चौंकाने वाला खुलासा एक आरटीआई में हुआ है।
एक आरटीआई के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि उसके पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है जिससे यह साबित हो कि भगत सिंह को शहीद घोषित किया गया है।
वहीं, भगत सिंह के पोते यादवेंद्र सिंह भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए एक अभियान शुरू करने की सोच रहे हैं।
गत अप्रैल में मंत्रालय से पूछा गया था कि भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को कब शहीद घोषित किया गया। मई में मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि तीनों लोगों को शहीद का दर्जा बताने वाला कोई दस्तावेज अथवा रिकॉर्ड उसके पास नहीं है। गौरतलब है कि भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव 23 मार्च 1931 को लाहौर की जेल में फांसी दे दी गई थी।