भारतीय और अमेरिकी सैनिकों ने किया युद्धाभ्‍यास

अमेरिकी और भारतीय सैनिक नार्थ कैरोलाइना में अपने वार्षिक युद्धाभ्‍यास के तहत इस समय सैन्य अभ्‍यास में जुटे हैं और इसे हिंदी नाम ही दिया गया है जिसका मतलब है ‘युद्ध के लिए प्रशिक्षण।’

वाशिंगटन : अमेरिकी और भारतीय सैनिक नार्थ कैरोलाइना में अपने वार्षिक युद्धाभ्‍यास के तहत इस समय सैन्य अभ्‍यास में जुटे हैं और इसे हिंदी नाम ही दिया गया है जिसका मतलब है ‘युद्ध के लिए प्रशिक्षण।’ इस युद्धाभ्‍यास के तहत किसी तीसरे देश में निर्दोष नागरिकों को बचाने के लिए सफल शांति अभियान को संयुक्त रूप से भारतीय और अमेरिकी सैनिकों द्वारा अंजाम देने के लिए किया जा रहा है ।
82वीं एयरबोर्न डिवीजन की फर्स्ट ब्रिगेड काम्बेट टीम की 73वीं कैवेलरी रेजीमेंट के तीसरी स्क्वाड्रन के कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल फिल सोउनिया ने एक साक्षात्कार में बताया कि यह यहां होने वाला सबसे बड़ा आयोजन है। पांचवीं गोरखा राइफल्स के करीब 200 भारतीय सशस्त्र बल इस सैन्य अभ्‍यास में भाग लेने के लिए यहां हैं जबकि मेजबान देश से 400 से अधिक सैनिक इसमें भागीदारी कर रहे हैं।
सोउनिया ने कहा कि यह रिश्ते बनाने के लिए है ताकि जब जरूरत हो तो इस प्रकार की किसी ड्यूटी को अंजाम देने के लिए दोनों देश तैयार रहें। उन्होंने साथ ही बताया कि हम वो भरोसा कायम करना चाहते हैं जो इस प्रकार के अभियानों के लिए जरूरी होता है। अपने अपने अनुभवों को साझा करते हुए दोनों सेनाएं संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षक मिशन के लिए एक काल्पनिक इलाके में संयुक्त राष्ट्र के आभासी अभियान के लिए संयुक्त योजना बना कर काम कर रही हैं। (एजेंसी)

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