मनमोहन सिंह के भाषण के खास बिंदु

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लाल किले के प्राचीर से देश के 67वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण में विभिन्न मुद्दों का उल्लेख किया। उनके भाषण के खास बिंदु निम्नलिखित हैं:- सरकार उत्तराखंड बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिए अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर रही है।

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने लाल किले के प्राचीर से देश के 67वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण में विभिन्न मुद्दों का उल्लेख किया। उनके भाषण के खास बिंदु निम्नलिखित हैं:- सरकार उत्तराखंड बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिए अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर रही है।
-आईएनएस सिंधुरक्षक पनडुब्बी की क्षति पर गहरा दुख हुआ है।
-हमने प्रगतिशील और आधुनिक भारत के निर्माण में सच्चाई और ईमानदारी के साथ काम किया है।
-लेकिन यात्रा लंबी है और अभी लंबी दूरी तय करना शेष है।
-खाद्य सुरक्षा विधेयक के जल्द पास होने की आशा करता हूं।
-वित्त वर्ष 2011-12 में अनाजों का उत्पादन 25.9 करोड़ टन के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया।
-देश के सभी बच्चे आज प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
-शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए अभी काफी कुछ किया जाना शेष है।
-शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की जरूरत है।
-पिछले साल विकास दर पांच फीसदी तक चली गई थी, हम स्थिति को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
-धीमी विकास दर का चरण लंबा नहीं चलेगा।
-हमारे देश के लिए तेज आर्थिक विकास अनिवार्य है।
-साल 2012 और इस साल कुछ सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं, जो चिंताजनक हैं।
-आधुनिक, प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष देश में संकीर्ण विचारधारा के लिए जगह नहीं है।
-इसके लिए राजनीतिक स्थिरता, सामाजिक संबद्धता और सुरक्षा का माहौल बनाने की जरूरत है।
-पाकिस्तान को चाहिए कि वह अपनी धरती और अपने कब्जे वाली धरती का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए न होने दे। (एजेंसी)

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