संसद हमला: पदक लेने को तैयार हुए शहीदों के परिजन
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संसद हमला: पदक लेने को तैयार हुए शहीदों के परिजन

संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी देने में हुई देरी के कारण पदक लौटाने वाले शहीद जवानों के परिजनों ने आज कहा कि न्याय होने के बाद वे पदक लेने को तैयार हैं।

नई दिल्ली/जयपुर : संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी देने में हुई देरी के कारण पदक लौटाने वाले शहीद जवानों के परिजनों ने आज कहा कि न्याय होने के बाद वे पदक लेने को तैयार हैं। शहीदों के परिजनों ने भावुक होते हुए कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलकर उन्हें अफजल की दया याचिका खारिज करने के लिए धन्यवाद देंगे जिसके चलते आज सुबह उसे फांसी दी गयी और 11 साल का इंतजार खत्म हुआ।
13 दिसंबर को संसद भवन की सुरक्षा में ड्यूटी पर तैनात मातबर सिंह नेगी के पुत्र गौतम ने आज अफजल को फांसी दिए जाने पर कहा, ‘‘देर आये दुरुस्त आये।’’ गौतम नेगी ने यहां कहा, ‘‘सरकार का यह अच्छा फैसला है और यह कदम उन आतंकवादी संगठनों को कड़ा संदेश भेजेगा जो भारत में समस्या पैदा करने की सोच रहे हैं ।’’ परिजनों ने कहा कि वे सरकार द्वारा शहीद जवानों के सम्मान में दिये गये बहादुरी पदकों को स्वीकार कर लेंगे जो उन्होंने 2006 में न्याय में देरी के विरोध स्वरूप लौटा दिये थे।
13 दिसंबर, 2001 को आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में शहादत देने वाले राज्यसभा के सहायक सुरक्षा अधिकारी जे पी यादव की पत्नी प्रेम और मां सिमली देवी ने कहा कि टीवी से संसद पर हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरू को फांसी देने की खबर से मन को तसल्ली पहुंची और खुशी हुई। प्रेम ने कहा, ‘‘आज का दिन मेरे और मेरे परिवार के लिए खुशियां लेकर आया है क्योंकि संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को देर से ही सही फांसी दे दी गई।’’
सीकर जिले के नीमकाथाना के रहने वाले शहीद यादव की पत्नी ने कहा, ‘‘शहीद पति को वर्ष 2006 में अशोक चक्र दिये जाने की घोषणा के बाद मैंने यह कहते हुए अशोक चक्र लेने से मना कर दिया था कि जब तक संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी नहीं दी जाती यह सम्मान प्राप्त नहीं करूंगी।’’ उन्होंने कहा कि अफजल गुरू को फांसी दे दी गई है और अब लौटाया हुआ अशोक चक्र वापस देकर उनके एवं परिवार के साथ न्याय किया जाये।
उन्होंने कहा कि अफजल गुरू को फांसी देने के साथ ही उनके पति को सच्ची श्रद्धाजंलि मिली है और वह परिजनों के साथ अशोक चक्र फिर प्राप्त करने के लिए जल्द ही राष्ट्रपति भवन संपर्क कर राष्ट्रपति से मिलने का समय लेंगी। यादव के 80 साल के पिता और 75 साल की मां अपने परिवार के साथ रह रहे हैं।
गौतम नेगी ने बताया कि उनके परिवार को आज सुबह टेलीविजन चैनलों से अफजल को फांसी दिए जाने का पता चला और यह उनके लिए एक ‘अच्छी खबर’ थी। हमले में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के हैड कांस्टेबल विजेंद्र सिंह की पत्नी जयवती ने कहा, ‘‘जब मैंने आज सुबह टीवी खोला तो फांसी की जानकारी मिली। आज मैं बहुत खुश हूं और इस मौके पर अफजल की दया याचिका खारिज करने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को धन्यवाद देना चाहूंगी।
हमले के दौरान ही जान गंवाने वाले दिल्ली पुलिस के उप.निरीक्षक नानक चंद की पत्नी गंगा देवी ने कहा कि मुंबई आतंकवादी हमले के दोषी कसाब को फांसी दिये जाने के बाद उन्हें उम्मीद की किरण दिखाई दी थी कि न्याय होगा। अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कहा कि शहीदों के परिवारों ने लौटाये हुए पदक स्वीकार करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम राष्ट्रपति और गृह मंत्री दोनों से मिलेंगे और उनका आभार व्यक्त करेंगे।’’ शहीदों की विधवाओं और बच्चों के साथ बिट्टा ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामलों में भी जल्दी न्याय की मांग की। (एजेंसी)

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