धुंधले CCTV फुटेज से दाभोलकर हत्याकांड में नहीं मिल रहा है सुराग
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धुंधले CCTV फुटेज से दाभोलकर हत्याकांड में नहीं मिल रहा है सुराग

अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाने वाले नरेंद्र दाभोलकार की हत्या के दो दिन बाद भी पुलिस इस मामले में कोई उपलब्धि नहीं हासिल कर पायी है ।

मुम्बई: अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाने वाले नरेंद्र दाभोलकार की हत्या के दो दिन बाद भी पुलिस इस मामले में कोई उपलब्धि नहीं हासिल कर पायी है । हालांकि उसे सीसीटीवी फुटेज से कुछ सुराग मिलने की आस है ,लेकिन उसकी तस्वीरें धुंधली हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अंधविश्वास के खिलाफ अभियान चलाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता दाभोलकर मंगलवार जब सुबह की सैर कर रहे थे तो 25-30 वर्ष की आयु वाले युवकों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलायीं और फिर फरार हो गए। दोनों बाइक से आए थे। पुलिस वाहन का पता लगाने के लिए प्रत्यक्षदर्शियों द्वारा बताए गए नंबर प्लेटों पर दर्ज नंबरों के सत्यापन में भी लगी हुई है।
पुलिस ने बताया कि मंगलवार को दाभोलकर की हत्या के तत्काल बाद वहां से बरामद किए गए सीसीटीवी फुटेज से भी अज्ञात हमलावरों की पहचान के बारे में कोई ठोस सुराग नहीं मिला है क्योंकि फुटेज धुंधला और अस्पष्ट है ।
जांच के प्रभारी अधिकारी ने कहा कि हम अब भी सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं जिसमें मोटरसाइकिल पर सवार केवल दो लोग दिखाई दे रहे हैं लेकिन फुटेज धुंधला और अस्पष्ट है तथा इससे लोगों की पहचान नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि जांच जारी है और इस हत्या में संलिप्तता के संबंध में अभी तक किसी व्यक्ति या संगठन की पहचान नहीं की गई है।
पुणे पुलिस की अपराध शाखा ने हत्यारों को पकड़ने के लिए आठ दल गठित किए हैं। हत्या के 48 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद हत्यारे अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। उधर मुम्बई में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने दाभोलकर की हत्या के बारे में जानकारी देने वाले व्यक्ति को 10 लाख रपए का पुरस्कार देने की घोषणा की है।
उन्होंने नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के लिए अंधविश्वास विरोधी विधेयक के विरोधियों को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि ऐसे कृत्य के पीछे जिन संगठनों का हाथ है, उन्हें अलग थलग किया जाना चाहिए तथा उनकी गतिविधियां रूकनी चाहिए। (एजेंसी)

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