मोदी के बिहारी विरोध की बाल ठाकरे ने प्रशंसा की
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मोदी के बिहारी विरोध की बाल ठाकरे ने प्रशंसा की

शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार विरोधी मुहिम पर राज्य के बिहारी नेताओं और भाजपा नेताओं की चुप्पी का उपहास उड़ाया है। रिपोर्ट के मुताबिक जारी गुजरात विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान मोदी ने कहा था, हम गुजरात विधानसभा चुनाव में किसी भी बिहारी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

मुंबई : शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार विरोधी मुहिम पर राज्य के बिहारी नेताओं और भाजपा नेताओं की चुप्पी का उपहास उड़ाया है। रिपोर्ट के मुताबिक जारी गुजरात विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान मोदी ने कहा था, हम गुजरात विधानसभा चुनाव में किसी भी बिहारी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। जाहिर तौर पर उनका इशारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर था, जिन्होंने कुछ वर्ष पहले कानून-व्यवस्था की समस्या का हवाला देकर बिहार विधानसभा चुनाव में मोदी को आने से रोक दिया था। ठाकरे ने पार्टी मुखपत्र सामना के सम्पादकीय में कहा है कि नीतीश कुमार कानून-व्यवस्था की समस्या से ज्यादा मोदी के प्रचार के कारण उनके जनता दल (युनाइटेड) के मुस्लिम वोट बैंक पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित थे, क्योंकि उनकी पार्टी का भाजपा के साथ राज्य में गठबंधन है।
ठाकरे ने कहा है, मोदी ने इस बार बदले की भावना से नीतीश पर हमला किया है। लेकिन इस प्रक्रिया में उन्होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, राष्ट्रीय स्तर के नेता राजीव प्रताप रूड़ी, रविशंकर प्रसाद, शहनवाज हुसैन जैसे भाजपा के अन्य शीर्ष बिहारी नेताओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। सभी बिहारी नेताओं को प्रतिबंधित कर मोदी ने न केवल नीतीश कुमार को चिढ़ाया है, बल्कि पूरे बिहार के लोगों को चिढ़ाया है।
ठाकरे ने कहा है कि लेकिन मोदी की इस टिप्पणी पर इन सभी ने चुप्पी साध ली है और इस मुद्दे पर किसी ने भी उनसे सवाल नहीं किया। जबकि गुजरात में सभी लोगों ने इसे राज्य के सम्मान का मामला मानकर स्वीकार कर लिया है। मोदी की इस टिप्पणी पर न तो पटना में कोई विरोध हो रहा है और न दिल्ली में ही। न कोई काला झंडा दिखाया जा रहा है और न नारेबाजी हो रही है। ठाकरे ने आगे कहा है, लेकिन यदि यही बात महाराष्ट्र में हुई होती तो सभी बिहारी नेता बिहारियों, प्रवासियों, श्रमिकों के सम्मान की रक्षा के लिए उतर आए होते। यहां तक कि महाराष्ट्र के मामूली नेताओं और लालू प्रसाद जैसे नेताओं ने इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया होता। (एजेंसी)

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