सेक्स स्केंडल में फंसे मप्र. के पूर्व मंत्री राघवजी को नहीं मिली जमानत

मध्यप्रदेश में नौकर से अप्राकृतिक कृत्य के मामले में पूर्व वित्त मंत्री राघवजी की जमानत याचिका आज कोर्ट ने खारिज कर दी। 22 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए पूर्व वित्तमंत्री ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी।

ज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसी
भोपाल : मध्यप्रदेश में नौकर से अप्राकृतिक कृत्य के मामले में पूर्व वित्त मंत्री राघवजी की जमानत याचिका आज कोर्ट ने खारिज कर दी। 22 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजे गए पूर्व वित्तमंत्री ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी।
भोपाल के नौवें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कलगांवकर ने राघवजी के वकील द्वारा दायर जमानत याचिका को आज यह कहकर खारिज कर दिया कि उनके खिलाफ गंभीर प्रकृति के आरोप हैं और चूंकि वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं और महत्वपूर्ण पदों पर लंबे समय तक रह चुके हैं, इसलिए वह अपने खिलाफ सबूतों को नष्ट करने का प्रयास कर सकते हैं।
न्यायाधीश ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि प्रकरण के इस पड़ाव पर राघवजी की जमानत मंजूर करने से समाज में यह गलत संदेश भी जाएगा कि कानून सबके लिए एक जैसा नहीं है।
उल्लेखनीय है कि गत पांच जुलाई की सुबह राघवजी का नौकर राजकुमार दांगी अपने सहयोगी घनश्याम कुशवाहा के शपथ पत्र के साथ एक शिकायती पत्र लेकर हबीबगंज पुलिस थाने पहुंचा था, जिसमें तत्कालीन वित्त मंत्री राघवजी पर उसने यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसके बाद वह गायब हो गया, जबकि बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस उसे दो दिनों तक ढूंढती रही।
उल्लेखनीय है कि यह मामला सामने आने के बाद 5 जुलाई को ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राघवजी से मंत्री पद से इस्तीफा मांग लिया और मुख्यमंत्री की सिफारिश पर राज्यपाल रामनरेश यादव ने उसे मंजूर भी कर लिया। दो दिन बाद 7 जुलाई को राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ‘राहुल’ के सरकारी निवास पर राजकुमार प्रकट हुआ तथा मीडिया के सामने उसने राघवजी, उनके पुराने नौकर शेरसिंह चौहान एवं उसके साले सुरेश चौहान पर उसके यौन शोषण के आरोप लगाए। इसके बाद वह कांग्रेस नेताओं के साथ हबीबगंज पुलिस थाना पहुंचा, जहां उसके बयान दर्ज होने के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 377, 506 एवं 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया।
इसी दिन शाम को भाजपा ने राघवजी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया। इसके अगले दिन आठ जुलाई को विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन राघवजी के निष्कासन का पत्र मिलने पर अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी ने उन्हें असंबद्ध सदस्य घोषित कर दिया तथा नौ जुलाई को पुलिस ने एक स्थानीय फ्लैट का ताला तोड़कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया, जहां वह छिपे हुए थे।
पुलिस द्वारा भोपाल के मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी की अदालत में पेश किए जाने के बाद उन्हें वहां से 22 जुलाई तक न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था।

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