‘सभी किरदार में कुछ आकर्षण होता है’
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‘सभी किरदार में कुछ आकर्षण होता है’

ऐसा लग रहा है कि फरहान अख्तर की फिल्म डॉन-2 से वह खलनायकी को नई उंचाइयों पर ले जाने वाले हैं।

मुंबई : सालों पहले ‘बाजीगर’, ‘डर’ और ‘अंजाम’ जैसी फिल्मों से शाहरूख खान ने खलनायक पात्रों में नई जान डाल दी थी और अब ऐसा लग रहा है कि फरहान अख्तर की फिल्म डॉन-2 से वह खलनायकी को नई उंचाइयों पर ले जाने वाले हैं।

 
बॉलीवुड के किंग खान ने अब्बास मस्तान की फिल्म ‘बाजीगर’ से नकारात्मक किरदारों को जीने का अपना सफर शुरू किया था। यश चोपड़ा की 1993 में आई फिल्म ‘डर’ में वह आशिक बने जो अपने प्यार और पहले से विवाहित जूही चावला को पाने के लिए जुनूनी हो जाता है।

 
ऐसा ही किरदार उन्होंने ‘अंजाम’ में निभाया जिसमें उनकी नायिका माधुरी दीक्षित बनी थी। ‘बाजीगर’ और ‘डर’ उनके कैरियर को बुलंदियों पर ले गई और खान को बॉलीवुड के स्थापित अदाकारों में शुमार किया जाने लगा। उनसे पूछा गया कि क्या नकरात्मक किरदार पसंद किए जाते हैं तो शाहरूख ने कहा, ‘अच्छा या बुरा, चाहे किताबों में हो, कहानियों में, फिल्मों या टेलीविजन में, उनमें कुछ न कुछ आकषर्ण होता है। मैंने थिएटर से शुरूआत की जहां नायक जैसा कोई किरदार नहीं था। एक केंद्रीय या अहम किरदार होता है। मैंने रंगमंच पर अच्छे और बुरे किरदार किए हैं। जब मैंने फिल्में करनी शुरू की तो मुझे इन किरदारों को जीने का फिर से मौका मिला।’

 

उन्होंने कहा, ‘15-20 सालों बाद मुझे डॉन में एक बार फिर नकारात्मक किरदार करने को मिला। किसी भी किरदार के अच्छे और बुरे होने की एक वजह होती है। मुझे ऐसा करना अच्छा लगता है। मैं नकारात्मक किरदारों का महिमा मंडन नहीं कर रहा लेकिन एक अदाकार के तौर पर विलेन के किरदार को निभाना जबरदस्त होता है।’ (एजेंसी)

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