धांधली के आरोपों के बीच पीओके में हुए असेंबली चुनाव का नतीजा घोषित कर दिया गया है. इन चुनाव के बाद इमरान खान इस विवादित इलाके में सरकार बनाने जा रहे हैं.
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakista) के प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में पहली बार सरकार बनाएगी. PTI ने PoK विधानसभा की 45 सीटों के लिए हुए चुनाव में से 25 सीटें जीती हैं. हालांकि विपक्ष ने इस चुनाव में हिंसा और धांधली के आरोप लगाए हैं.
सरकारी ‘रेडियो पाकिस्तान’ ने चुनाव आयोग के हवाले से खबर दी है कि टीआई ने 25 सीटें जीती हैं, जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) 11 सीटें जीत कर दूसरे स्थान पर है. वहीं फिलहाल सत्ता पर काबिज पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) को सिर्फ छह सीटें मिली हैं. मुस्लिम कांफ्रेंस (MC) और जम्मू कश्मीर पीपुल्स पार्टी (JKPP) को एक-एक सीट पर कामयाबी मिली है.
पीटीआई को सरकार बनाने के लिए साधारण बहुमत मिल गया है और उसे किसी अन्य पार्टी के समर्थन की जरूरत नहीं है. यह पहली बार है जब पार्टी PoK में सरकार का गठन करेगी. परंपरागत रूप से, देश की सत्ताधारी पार्टी ही पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चुनाव जीतती आई है.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने इस जीत के लिए क्षेत्र के लोगों का धन्यवाद किया है. पीएम इमरान खान ने ट्वीट कर कहा, ‘हम अपने अहसास और कामयाब पाकिस्तान जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को गरीबी से निकालने पर ध्यान केंद्रित करेंगे. साथ ही सरकार में जबावदेही और पारदर्शिता स्थापित करेंगे.’ इमरान खान ने यह भी कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र समेत सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कश्मीर का मसला उठाते रहेंगे.
सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फव्वाद चौधरी ने कहा कि पीटीआई की शानदार जीत प्रधानमंत्री खान (Imran Khan) में आम लोगों के भरोसे को प्रदर्शित करती है. वहीं पाकिस्तान के विपक्षी नेताओं - पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ज़रदारी और पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज़ ने आरोप लगाया कि पीटीआई ने धांधली के जरिए चुनाव जीता है. उन्होंने रविवार को हुए चुनाव के नतीजों को खारिज कर दिया.
बिलावल भुट्टो ने दावा किया कि चुनाव आयोग नियमों का उल्लंघन करने पर पीटीआई के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहा है. उन्होंने कहा कि पीटीआई ने हिंसा और धांधली का सहारा लिया. इसके बावजूद पीपीपी 11 सीटों के साथ सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के रूप में उभरी है. जिसे पिछली बार केवल तीन सीटें मिली थीं. बिलावल ने पार्टी के जीतने वाले उम्मीदवारों की सूची भी साझा की.
पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज़ ने कहा कि उन्होंने परिणामों को स्वीकार नहीं किया है और न ही कभी स्वीकार करेंगी. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'मैंने 2018 के नतीजों को न तो स्वीकार किया है और न ही इस नकली सरकार को माना है.’ उन्होंने चुनावों में पीटीआई की ओर से हिंसा और धांधली के बावजूद अच्छी लड़ाई लड़ने पार्टी कार्यकर्ताओं की सराहना की.
इसी बीच POK के क्षेत्रीय निर्वाचन आयोग ने धांधली के आरोपों को खारिज कर दिया है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त अब्दुल राशिद सुलेहरिया ने कहा कि चुनाव की प्रक्रिया से वह संतुष्ट हैं.
PoK विधान सभा में कुल 53 सीट है. इनमें से 45 सीटों पर सीधे निर्वाचन किया जाता है जबकि पांच सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं और तीन विज्ञान विशेषज्ञों के लिए हैं. सीधे चुने जाने वाले 45 सदस्यों में से 33 सीटें पीओके के निवासियों के लिए हैं और 12 सीटें शरणार्थियों के लिए हैं, जो बीते वर्षों में कश्मीर से यहां आए थे और पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में बस गए है.
क्षेत्र के 'प्रधानमंत्री' पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे PTI के बैरिस्टर सुल्तान महमूद चौधरी चुनाव जीत गए हैं. पूर्व 'प्रधानमंत्री' और पीएमएल-एन नेता रजा फारूक हैदर भी अपनी सीट पर जीत गए हैं. एक अन्य पूर्व 'प्रधानमंत्री' और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सरदार अतीक अहमद खान भी चुनाव जीत गए हैं. पीओके में सरकार के प्रमुख को ‘प्रधानमंत्री’ कहा जाता है.
PoK के विभिन्न जिलों की 33 सीटों पर कुल 587 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा जबकि पाकिस्तान में बसे जम्मू-कश्मीर के शरणार्थियों की 12 सीटें पर 121 प्रत्याशी मैदान में थे.
पुलिस ने बताया कि रविवार को कोटली जिले के चरहोई इलाके में एक मतदान केंद्र पर पीपीपी के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प में पीटीआई के कम से कम दो कार्यकर्ताओं की मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि अज्ञात लोगों ने दो कार्यकर्ताओं की गोली मारकर हत्या कर दी.
सेना ने एक बयान में बताया कि क्षेत्र के लासवा इलाके में एक घुमावदार पहाड़ी सड़क मार्ग पर नीचे एक खड्ड में वाहन के गिर जाने से उसमें सवार कम से कम चार सैनिकों की मौत हो गई, जबकि तीन सैनिक और एक आम नागरिक घायल हो गए. ये सभी चुनाव के दौरान शांति बनाए रखने में मदद के लिए तैनात सैनिकों में शामिल थे. सेना के अनुसार, घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है.
वहीं, एक अन्य घटना में झेलम घाटी जिले में एक मतदान केंद्र पर जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ताओं के हमले में पांच पुलिसकर्मी जख्मी हो गए.
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‘जियो न्यूज’ के मुताबिक, पीएमएल-एन के उम्मीदवार चौधरी मोहम्मद इस्माइल गुर्जर ने रविवार को धमकी दी कि अगर स्थानीय प्रशासन उनकी चिंताओं को दूर करने में नाकाम रहता है, तो वह ‘भारत की मदद मांगेंगे.’ इससे पहले उनकी पार्टी के मतदान एजेंटों को एक मतदान केंद्र से हटा दिया गया था. मतदान केंद्र पर से हटाए जाने के बाद एजेंटों की उपायुक्त के साथ तीखी बहस हुई. जिसके बाद मतदान की प्रक्रिया वहां रोक दी गई.
पीओके विधानसभा का पिछला आम चुनाव जुलाई 2016 में हुआ था और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की इसमें जीत हुई थी. पीटीआई ने इस बार हुए चुनाव में सभी 45 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. वहीं पीएमएल-एन और पीपीपी ने 44 सीटों के लिए अपने उम्मीदवार उतारे थे. बता दें कि भारत पीओके में चुनावी प्रक्रिया को अवैध बताकर पहले ही खारिज कर चुका है. भारत का कहना है कि पूरा जम्मू कश्मीर उसका इलाका है. ऐसे में उसकी इजाजत के बिना इस इलाके में चुनाव करवाने का पाकिस्तान को कोई अधिकार नहीं है.
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