सी के नायडू भारत के पहले टेस्ट कप्तान रहे हैं. फर्स्ट क्लास में 207 मैचों में 11825 रन बनाने वाले सीके नायडू ने केवल सात टेस्ट मैच ही खेले हैं. उन्हें 1956 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया. विजय आनंद गजपति राजू एमके विजयनगरम के नाम से ज्यादा जाना जाता था. क्रिकेट जगत में विजी के नाम से मशहूर विजयनगरम काफी अमीर और प्रभावशाली व्यक्ति रहे. उन्होंने खुद की ही एक टीम बना ली थी उन्होंने 1932 में भारत की इंग्लैंड दौरे में कप्तानी की थी. हालांकि वे सफल कप्तान साबित नहीं हुए लेकिन बाद में वे बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रहे. उन्हें 1956 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया.
वीनू मांकड को सबसे ज्यादा 1956 में पंकज रॉय के साथ पहले विकेट के लिए 413 रन की सबसे बड़ी रिकॉर्ड साझेदारी की. यह रिकॉर्ड 52 साल तक नहीं टूटा था. 44 टेस्ट के करियर में उन्होंने 31.47 के औसत से 2109 रन बनाए थे और 162 विकेट भी लिए. उन्हें 1973 में पद्मभूषण दिया गया.
लिटिल मास्टर के नाम से जाने वाले सुनील गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में 10000 से ज्यादा रन और 30 से ज्यादा शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी बने. उन्हें तेज गेंदबाजों के खौफ के बीच निर्भीकता से खेलने के लिए ज्यादा जाना जाता है. उन्हें 1980 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया.
लाला अमरनाथ शतक लागने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर थे. वे 1952 में हुई भारत और पाकिस्तान के बीच पहली टेस्ट सीरीज के कप्तान थे. उन्होंने 24 टेस्ट मैचों में कुल 878 रन बनाए और 45 विकेट लिए, लेकिन फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 10000 रन और 30 शतक भी बनाए थे. उन्हें 1991 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया. भारतीय क्रिकेट के ग्रैंड ओल्ड मैन के नाम से जाने वाले प्रोफेसर देवधर ने 1911 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलना शुरू किया लेकिन पहला टेस्ट भारत के लिए उन्होंने 1932 में खेला और 1948 तक कुल 40 टेस्ट खेले. बाद में बीसीसीआई के उपाध्यक्ष बनाए गए और वे राष्ट्रीय चयनकर्ता भी रहे. उनके नाम पर देवधर ट्रॉफी आयोजित की जाती है. उन्हें 1991 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया.
1991 में पद्मभूषण सम्मानित कपिल देव ने भारत जैसे देश में तेज गेंदबाजी को नया आयाम दिया है. 131 टेस्ट में 434 विकेट और 5248 रन बनाए हैं जो उन्हें सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज ऑलराउंडर और कप्तान बनाता है. उन्हीं की कप्तानी ने भारत ने 1983 का वर्ल्डकप जीता था.
2002 में पद्मभूषण पाने वाले चंदू बोर्ड भारतीय क्रिकेट खासतौर पर क्रिकेट प्रशासनिक जगत में जाना माना नाम है. 55 टेस्ट में 3061 रन और लेग स्पिनर के रूप में 52 विकेट लेने वाले चंदू पिच क्यूरेटर से लेकर मुख्यचयनकर्ता भी रह चुके हैं.
टेस्ट क्रिकेट में दीवार का नाम पाने वाले राहुल ने अपनी तकनीक से सचिन तेंदुलकर के रहता भारतीय क्रिकेट में खास पहचान बना ली है. उन्होंने जरूरत के हिसाब से टीम में ढलने में भी मिसाल कायम की है. विकेटकीपर से लेकर भारतीय टीम के कप्तान की भूमिका में भी लोगों को अपने प्रदर्शन से चौंकाया है. राहुल ने 164 टेस्ट में 13288 रन और 344 वनडे में 10889 रन बनाए हैं. 2013 में राहुल को पद्मभूषण दिया गया.
भारत को टी20 वर्ल्डकप और 2011 का वनडे वर्ल्डकप दिलाने वाले विकेटकीपर कप्तान अपनी चतुर रणनीति के साथ साथ सबसे बेहतरीन फिनिशर के तौर पर जाने जाते हैं. धोनी 312 वनडे में 9898 रन, 90 टेस्ट में 4876, और टी20 में 1364 रन बनाए हैं. धोनी को उनकी उपलब्धियों के लिए साल 2018 में पद्मभूषण का सम्मान दिया जा रहा है.
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