यहां हम आपको देश के अखबारों में छपी अन्य खबरों से रू-ब-रू करवा रहे हैं.
मुंबई: मुंबई के अंधेरी स्थित ईएसआईसी अस्पताल में आग लगने के दौरान वहां फंसे मरीजों के लिए एक फूड डिलिविरी बॉय देवदूत बनकर आया. 20 वर्षीय सिद्धू हुमानाबाड़े ने आग में फंसे 10 मरीजों की जान बचाकर इंसानियत की मिसाल पेश की. द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, फूड डिलिवरी कंपनी स्विगी में काम करने वाला सिद्धू सोमवार शाम फूड डिलीवर करने जा रहा था. तभी उसने देखा कि कामगार हॉस्पिटल में आग लग गई है और तेज धुआं निकल रहा है. उसने अपनी बाइक खड़ी की और फायरकर्मियों के साथ बचाव कार्य में लग गया. उसने सीढ़ी की मदद से 10 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला. हालांकि, इनमें से दो लोगों की सीढ़ी से नीचे गिरने से जान चली गई. खबर के मुताबिक, बचाव कार्य के दौरान सिद्धू की तबीयत खराब हो गई. फिलहाल अस्पताल में अन्य मरीजों के साथ सिद्धू का भी इलाज चल रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि वह जल्द ही ठीक होकर अपने घर जा सकेगा.
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के कैलाश कॉलोनी स्थित घर में सोमवार देर रात एक युवक जबरदस्ती घुस गया. इससे वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों में हड़कंप मच गया. सुरक्षाकर्मियों ने उसे तुरंत दबोच लिया. हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक, जांच में पता चला कि युवक को पता ही नहीं था कि वह वित्तमंत्री का घर है. दरअसल, गणेश नाम का युवक लुटेरों से जान बचाने के लिए घर में घुस गया था. घटना के तुरंत बाद केन्द्रीय जांच एजेंसियां, स्थानीय पुलिस के अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, अपराध शाखा की टीम भी मौके पर पहुंच गई. गहन पूछताछ के बाद आरोपी युवक को देर रात छोड़ दिया गया.
मंदसौर: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के गरनई गांव में मौजूद शासकीय माध्यमिक विद्यालय में एक-सी ड्रेस पहने बच्चे, साफ-सुथरा परिसर और दीवारों पर लिखे संदेश किसी निजी स्कूल का आभास देते हैं. दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक, यहां पदस्थ एकमात्र शिक्षिका ललिता सिसोदिया ने अपने पैसों से दो अतिथि शिक्षक रखे हैं. उनका मानना है कि कुछ भी हो जाए लेकिन बच्चों की पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिए. इस स्कूल में कुल 43 बच्चे पढ़ते हैं. छात्रों को यूनिफॉर्म और जूते-मोजे भी वह अपने खर्च पर ही दिलाती हैं. यूं तो उनकी सैलरी 35 हजार रुपए प्रतिमाह है लेकिन वह अपने पास से स्कूल पर 2.5 लाख रुपए खर्च कर चुकी हैं. ललिता के काम की गूंज आसपास के गांव में हो रही है. राजधानी तक बात पहुंची तो राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी उन्हें शाबासी दी.
गाजियाबाद: दिल्ली से सटे गाजियाबाद से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. राजस्थान पत्रिका की खबर के मुताबिक, शादी से पहले लड़कियों ने अपने होने वाले जावनसाथी के लिए आरटीआई लगा रखी है. अखबार के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में ऐसी करीब 10 आरटीआई लगाई जा चुकी हैं. इस मामले ने गाजियाबाद पुलिस को परेशान कर रखा है. आरटीआई के माध्यम से लड़कियां ये जानना चाहती हैं जिससे उनकी शादी होने जा रही है उसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड तो नहीं है? या फिर भावी दूल्हे का पासपोर्ट तो सही है ना?
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