मध्य प्रदेश के झाबुआ सहित कुछ अन्य जिलों में मुर्गा की एक खास नस्ल पाई जाती है, जिसे कड़कनाथ के नाम से पहचाना जाता है. इस प्रजाति की खासियत है कि इसके मांस में फैट कम होता है और प्रोटीन ज्यादा. अब यह मुर्गा आपको घर बैठे मिल सकेगा, क्योंकि इसके लिए सहकारिता विभाग ने 'MP KadakNath ऐप' लांच कर दिया है.
कड़कनाथ के मांस में 25 से 27 प्रतिशत प्रोटीन होता है, जबकि अन्य मुर्गों में केवल 16 से 17 प्रतिशत ही प्रोटीन पाया जाता है. इसके अलावा, कड़कनाथ में लगभग एक प्रतिशत चर्बी होती है, जबकि अन्य मुर्गों में 5 से 6 प्रतिशत चर्बी रहती है. कड़कनाथ 500 रुपए से लेकर 1500 रुपए किलो तक बिकता है.
विशेषज्ञों के अनुसार, कड़कनाथ के मांस में आयरन एवं प्रोटीन की मात्रा बहुत अधिक होती है. इसके अलावा, यह अन्य प्रजातियों के मुर्गों से बहुत अधिक दाम में बेचा जाता है. कड़कनाथ के एक किलोग्राम के मांस में कॉलेस्ट्राल की मात्रा करीब 184 एमजी होती है, जबकि अन्य मुर्गों में करीब 214 एमजी प्रति किलोग्राम होती है.
कड़कनाथ मुर्गे की प्रजाति मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच विवाद का विषय बनी हुई है. वहीं मध्यप्रदेश के पशुपालन मंत्री के मुताबिक मध्यप्रदेश को कड़कनाथ मुर्गे का जीआईटैग मिलने जा रहा है. जल्द ही कड़कनाथ मुर्गा मध्यप्रदेश का पेटेंट ब्रांड होगा. मध्यप्रदेश का दावा है कि कड़कनाथ मुर्गे की उत्पत्ति प्रदेश के झाबुआ जिले में हुई है, जबकि छत्तीसगढ़ का कहना है कि कड़कनाथ को प्रदेश के दंतेवाडा जिले में अनोखे तरीके से पाला जाता है और यहां उसका संरक्षण और प्राकृतिक प्रजनन होता है.
काले मांस वाले कड़कनाथ मुर्गे का स्वाद नॉनवेज के शौकीनों की पहली पसंद है. कम कॉलेस्ट्राल की मात्रा वाले कड़कनाथ को लेकर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य आमने सामने हैं. दोनों ही राज्य कड़कनाथ मुर्गे पर अपना दावा जता रहे है. लाजवाब स्वाद के लिए जाने जाने वाले कड़कनाथ मुर्गे की प्रजाति के लिए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ने जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) के लिए भी चेन्नई स्थित भौगोलिक संकेतक पंजीयन कार्यालय में आवेदन दिए हैं.
कड़कनाथ प्रजाति का मुर्गा अन्य प्रजातियों के मुर्गो से बेहतर होता है. इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक और फैट की मात्रा न के बराबर पाई जाती है. यह विटामिन-बी-1, बी-2, बी-6, बी-12, सी, ई, नियासिन, कैल्शियम, फास्फोरस और हीमोग्लोबिन से भरपूर होता है. यह अन्य मुर्गो की तुलना में लाभकारी है. इसका रक्त, हड्डियां और सम्पूर्ण शरीर काला होता है. यह दुनिया में केवल मध्यप्रदेश के झाबुआ और अलीराजपुर में पाया जाता है.
एप में उपलब्ध मेन्यू में सीधे क्लिक करने पर समिति का ई-मेल, फोन और उत्पादन की जानकारी प्राप्त की जा सकती है. मांग और पूछताछ का आप्शन भी दिया गया है. सबमिट बटन पर क्लिक करने से सीधे संस्था को ई-मेल करने की सुविधा है. एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है.
सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विश्वास सारंग ने बताया कि कड़कनाथ ऐप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति इन समितियों के पास उपलब्ध कड़कनाथ मुर्गा खरीदने के लिए ऑनलाइन डिमांड कर सकता है. भविष्य में ऑनलाइन ऑर्डर के साथ होम डिलीवरी की भी सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी.
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